नई दिल्ली: भारत सरकार के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता हाल में की। इसमें गृह मंत्री ने जिस बात पर ज्यादा जोर दिया वह यह थी कि सभी पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण का 60 प्रतिशत सबके लिए समान होना चाहिए, जबकि 40 प्रतिशत ट्रेनिंग बल-आधारित होनी चाहिए जिससे हम अपनी प्रशिक्षण क्षमताओं का सर्वोत्तम उपयोग कर पाएंगे।
इस सम्मलेन में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव, केंद्रीय पुलिस बलों एवं पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक और केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुखों ने भाग लिया।
इस बैठक में भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भोपाल, सीआरपीएफ़ अकादमी, बीएसएफ़ अकादमी, आईटीबीपी अकादमी, राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी, एनएसजी, नॉर्थ-ईस्ट पुलिस अकादमी, एसएसबी, भोपाल, और एनडीआरएफ़ के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में कही गई मुख्य बातें :
- आधुनिक तकनीकों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों में देशभक्ति की भावना, फ़िटनेस, अनुशासन, संवेदनशीलता और स्वयं को समर्पित करने का जज़्बा पैदा करने की ज़रूरत है।
- आज के युग में तकनीक का उपयोग समय की जरुरत है लेकिन साथ ही हमें बेसिक पुलिसिंग पर भी बल देना चाहिए और उसे प्रैक्टिस में लाना चाहिए।
- प्रशिक्षण में सख़्ती और संवेदनशीलता लाने की जरूरत है। साथ ही पुलिसकर्मियों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग के प्रभाव की हर स्तर पर समीक्षा होनी जरूरी है।
- आज के युग में तकनीक का उपयोग समय की जरुरत है लेकिन साथ ही बेसिक पुलिसिंग पर भी बल देना चाहिए और उसे प्रैक्टिस में लाना चाहिए।
- मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत एक होलिस्टिक अप्रोच के तहत कॉंस्टेबल, एसआई और डीएसपी स्तर तक के पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।