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गृह मंत्रालय ने जनगणना और एनपीआर डाटाबेस को महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना किया घोषित

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने जनगणना और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) से संबंधित डाटाबेस को महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना (सीआईआई) के रूप में घोषित किया है। इसके लिए गृह मंत्रालय की तरफ से एक अधिसूचना भी जारी की गई है। यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को जारी अपनी अधिसूचना में कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2008 में संशोधित) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर यह निर्णय लिया गया है। इसके मुताबिक केंद्र सरकार ने जनगणना निगरानी एवं प्रबंधन प्रणाली, स्व-गणना और नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) वेब पोर्टल्स, घरों की सूची बनाने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन, जनसंख्या गणना और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के अपडेशन से संबंधित कंप्यूटर संसाधनों को भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय की महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना (सीआईआई) घोषित किया है।

अधिसूचना के अनुसार, एनपीआर डाटाबेस, जनगणना डाटाबेस और सीआरएस डाटाबेस, कंप्यूटर संसाधन सेटअप और राष्ट्रीय डाटा केंद्र, रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त, दिल्ली के कार्यालय और बेंगलुरु और लखनऊ में आपदा रिकवरी साइट और डाटा केंद्रों सहित लिंक किए गए डाटाबेस को भी सीआईआई की श्रेणी में रखा गया है। उपरोक्त संस्थाओं की सभी संबद्ध निर्भरता के कंप्यूटर संसाधनों को भी कानून के तहत संरक्षित प्रणाली के रूप में घोषित किया गया है।

गौरतलब है कि 2021 में होने वाली जनगणना को कोरोना महामारी के कारण रोक दिया गया था और यह आने वाले समय में जल्द शुरू की जा सकती है। गृह मंत्रालय ने अपनी सालाना रिपोर्ट में भी एनपीआर को फिर से अपडेट करने की बात कही है।

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