नई दिल्ली : पूर्वोत्तर के राज्य अरुणाचल प्रदेश को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत कुछ जिलों में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम यानी AFSPA को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया। मंत्रालय के मुताबिक इसको लेकर सरकार ने समीक्षा की थी, जिसके बाद AFSPA को बढ़ाने का फैसला हुआ। ये जिले अशांत हैं, जहां पर सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार की जरूरत है। 6 महीने बाद फिर से इस फैसले की समीक्षा की जाएगी। हालांकि लंबे वक्त से पूर्वोत्तर के राज्यों में AFSPA को पूरी तरह से खत्म करने की मांग हो रही है। अपने आदेश में मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिले में AFSPA को बढ़ाया गया है। इसके अलावा नामसाई जिले में नामसाई और महादेवपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके में भी AFSPA लागू रहेगा। इन क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक AFSPA 6 महीने या फिर अगले आदेश तक इन इलाकों में लागू रहेगा।
AFSPA इस कानून के तहत सैनिकों को कई अधिकार प्राप्त होते हैं, जैसे- किसी को बिना वॉरेंट गिरफ्तार करना और उसके घर में घुसने का अधिकार, पहली चेतावनी के बाद गोली चलाना, गोली चलाने के लिए किसी भी आदेश का इंतजार ना करना। वहीं अगर उस गोली से किसी की मौत होती है तो जवान पर हत्या का मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकता। अगर राज्य सरकार या पुलिस प्रशासन, किसी सौनिक या सेना की टुकड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसके अभियोग के लिए केंद्र सरकार की इजाजत जरूरी होती है। ये कानून वर्तमान में जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में लागू है।