चीन की विक्ट्री परेड में हॉट माइक का खुलासा: पुतिन-जिनपिंग की गुप्त बातचीत लीक, इंसानों को 150 सालों तक जिंदा रखने का प्लान कर रहे तैयार

नई दिल्ली: चीन की राजधानी बीजिंग में 3 सितंबर 2025 को द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित विक्ट्री परेड न केवल आधुनिक हथियारों और सैन्य ताकत का प्रदर्शन साबित हुई, बल्कि एक बेहद अनोखे और भविष्य की दिशा बदलने वाले विषय ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस भव्य आयोजन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच एक ऐसी चर्चा सामने आई, जिसने मेडिकल साइंस की दुनिया को हिला कर रख दिया।
बायोटेक्नोलॉजी का जादू: 150 साल तक जीवन संभव?
परेड के लाइव प्रसारण के दौरान, चीन के सरकारी चैनल CCTV की लाइव कवरेज में अचानक ही माइक खुल गया और पुतिन, जिनपिंग तथा अन्य नेताओं की बातचीत हॉट माइक पर कैद हो गई। बातचीत का विषय था मानव जीवन को बढ़ाने वाली ऑर्गन ट्रांसप्लांट तकनीक। रूस के राष्ट्रपति के ट्रांसलेटर ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी लगातार प्रगति कर रही है, जिसके जरिये इंसानों के अंगों का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। यह तकनीक न सिर्फ जीवनकाल बढ़ा सकती है बल्कि युवावस्था को भी बरकरार रख सकती है, यहां तक कि अमरता की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। शी जिनपिंग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वैज्ञानिक मानते हैं कि इस क्रांतिकारी ट्रांसप्लांट के जरिए इंसान 150 साल तक भी जीवित रह सकता है। इस बयान ने वैश्विक समुदाय में उत्सुकता और आश्चर्य दोनों पैदा कर दिए हैं।
पुतिन की पुष्टि: आधुनिक स्वास्थ्य तकनीकें जीवन को लंबा कर सकती हैं
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस चर्चा को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया और पत्रकारों से कहा कि चिकित्सा विज्ञान के आधुनिक साधन, विशेषकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की तकनीक, इंसानों को लंबे और सक्रिय जीवन का वादा करती हैं। उनका कहना था कि इन तकनीकों की मदद से लोग न केवल अधिक समय तक जीवित रहेंगे बल्कि बेहतर स्वास्थ्य और युवा रूप में जीवन बिताने की उम्मीद भी कर सकते हैं।
सैन्य शक्ति और वैश्विक प्रभाव का प्रदर्शन
विक्ट्री परेड के दौरान चीन ने अपने हाइपरसोनिक मिसाइल, मानवरहित नौसैनिक प्रणाली और अन्य अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन कर अपनी सैन्य और तकनीकी ताकत का जोरदार परिचय दिया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस अवसर पर कहा कि दुनिया में शांति और युद्ध के बीच चुनाव सबसे जटिल चुनौती है। उन्होंने 50,000 से अधिक दर्शकों को संबोधित करते हुए वैश्विक शांति की आवश्यकता पर जोर दिया।
चीन-रूस रणनीतिक साझेदारी मजबूत
परेड से पहले और बाद में, चीन और रूस ने ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और बुनियादी ढांचे जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 20 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। एक बड़ी गैस पाइपलाइन परियोजना को भी मंजूरी मिली, जो दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंधों को और मजबूत करेगी। यह दौरा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन से भी जुड़ा था, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वैश्विक नेता मौजूद थे।