अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन के ‘पर’ काटने की तैयारी, फिलीपींस की मदद से कैसे फ्रंट फुट पर अमेरिका

नई दिल्ली : दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन के बढ़ते वर्चस्व को कम करने और चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और फिलीपींस एक साथ आ गए हैं। एनएचके वर्ल्ड ने पुष्टि की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और फिलीपींस इस बात पर सहमत हो गए हैं कि अमेरिकी सेनाएं दक्षिण पूर्व एशियाई देश फीलीपींस में चार और ठिकानों का उपयोग कर सकती हैं। इसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते कदम रोकना है। इस तरह अब फिलीपींस में अमेरिकी सेना के कुल 9 ठिकाने हो गए हैं। उधर, अमेरिका और फिलीपींस के इस समझौते से चीन बौखला गया है। उसने धमकी तक दे डाली है।

इस संबंध में गुरुवार को अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने मनीला में फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर और रक्षा सचिव कार्लिटो गालवेज जूनियर से अलग से मुलाकात की है। दोनों पक्षों ने बाद में फिलीपींस में अमेरिका द्वारा उपयोग किए जा सकने वाले ठिकानों की कुल संख्या को नौ तक लाने के समझौते की घोषणा की। एनएचके वर्ल्ड के अनुसार, अतिरिक्त स्थानों पर विवरण की घोषणा अभी बाकी है।

दक्षिण चीन सागर में अमेरिका की बढ़ती उपस्थिति का उद्देश्य स्पष्ट रूप से चीन के खिलाफ मजबूत होना है क्योंकि चीन दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में, ऑस्टिन ने कहा कि हमने फिलीपींस के आसपास के समुद्र में अस्थिर करने वाली गतिविधियों को संभालने के लिए ठोस कार्रवाई पर चर्चा की थी।

एनएचके वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यूएस-फिलीपीन गठबंधन दोनों लोकतंत्रों को अधिक सुरक्षित बनाता है और एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को बनाए रखने में मदद करता है। इस समझौते पर फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस ने हर्ष जताया है। कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि फिलीपींस और एशिया-प्रशांत के भविष्य में हमेशा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि साझेदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकती है।

समझौते के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने गुरुवार को एक नियमित समाचार सम्मेलन में कहा कि देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देना चाहिए और किसी तीसरे पक्ष को इस पर नहीं आना चाहिए। माओ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने लाभ के लिए इस क्षेत्र में सैन्य निर्माण कर रहा है, इससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ रहा है और शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के आसपास देशों को इस तरह के कदमों के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि इसका फायदा न उठाया जाए।

Related Articles

Back to top button