अन्तर्राष्ट्रीय

भारत और अफ्रीका के बीच कैसे हैं राजनीतिक सम्बन्ध

नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : अफ्रीकी महाद्वीप में 55 देशों के साथ भारत अपने राजनीतिक कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है । हाल के दशकों में भारत अफ्रीकी देश एक दूसरे के काफी निकट आये हैं। कुछ ही रोज पहले तंजानिया के जंजीबार में हुई बैठक में कॉमनवेल्थ की महासचिव पेट्रिशिया स्कॉटलैंड ने डिजिटल इनोवेशन को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका का बखान किया है। भारत अफ्रीकी देशों में भी डिजिटल डिवाइड को भरने का काम कर रहा है।

भारत और अफ्रीकी देशों के बीच राजनीतिक और अन्य संबंधों के आधार को वर्ष 2008 में आयोजित भारत अफ्रीका फोरम बैठक में देखा जा सकता है।इस फोरम की 2015 में आयोजित तीसरी बैठक में सभी अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों ने पुनः भाग लिया था और इस अवसर पर दिल्ली घोषणापत्र भी जारी किया गया।

इसी क्रम में वर्ष 2018 में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा भारत अफ्रीका भागीदारी के 10 मार्गदर्शक सिद्धान्तों की घोषणा की गई।

अफ्रीका भारत की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा । अफ्रीका के साथ संबंधों को मजबूती देने के लिए अनवरत प्रयास किया जाएगा ।

अफ्रीका की प्राथमिकताओं के हिसाब से भारत अफ्रीका के साथ अपने विकासात्मक साझेदारी को दिशा देगा । भारत अफ्रीका में स्थानीय क्षमता और स्थानीय अवसरों को मजबूती देने का प्रयास करेगा ।

भारत अपने बाजार अफ्रीकी उत्पादों और निवेशों के लिए बिना किसी बाधा के खुला रखेगा । साथ ही भारत अपने उद्योगों को अफ्रीका में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा ।

अफ्रीका के विकास और वहां लोक सेवाओं अथवा सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति के लिए भारत अपने डिजिटल क्रांति के अनुभव को अफ्रीकी देशों से साझा करेगा।

भारत अफ्रीका में कृषि क्षेत्र की मजबूती विशेषकर कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देगा ।

दोनों पक्ष मिलकर जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की दिशा में कार्य करेंगे ।

दोनों देश आतंकवाद , उग्रवाद से निपटने के लिए सहयोग और पारस्परिक क्षमताओं को मजबूती देने का प्रयास करेंगे। दोनों पक्ष साइबरस्पेस को सुरक्षित करने और संयुक्त राष्ट्र शांति अनुरक्षण में योगदान करेंगे ।

भारत सभी अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर महासागरों को सभी राष्ट्रों के हित के लिए मुक्त और स्वतंत्र रखने का प्रयास करेगा । विश्व को अफ्रीका के पूर्वी किनारे और पूर्वी हिन्द महासागर में सहयोग और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता है ।

जिस प्रकार से अफ्रीका में वैश्विक संलग्नता बढ़ी है , भारत और अफ्रीका यह सुनिश्चित करेंगे कि अफ्रीका शत्रुता पूर्ण महत्त्वाकांक्षाओं का गढ़ ना बन जाए।

भारत और अफ्रीका एक प्रतिनिधि मूलक और लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था के लिए मिलकर कार्य करेंगे ।

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