फायदेमंद के साथ सेहत के लिए कितनी नुकसानदेह है लहसुन
लहसुन का घरेलू औषधियों में एक महत्वपूर्ण स्थान है। पुराने ज़माने से ही लहसुन का उपयोग अनेक बीमारियों के उपचार में होता आ रहा है । लहसुन अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये पोषक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाते हैं। बहुत से लोग खाली पेट लहसुन खाना पसंद करते हैं। आइए देखते हैं कि लहसुन के फायदे क्या हैं और उसका क्या उपयोग है?
लहसुन के फायदे…
- मधुमेह में लाभकारी
आईआईसीटी इंडिया के वैज्ञानिकों ने एक शोध किया। उन्होंने लैब में मौजूद चूहों को लहसुन खिलाई और उन्होंने पाया कि चूहों में ग्लूकोज का स्तर तेज़ी से घट गया और चूहे इंसुलिन सेंसिटिव भी हो गए।
इस प्रकार लहसुन मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर देता है | यह रक्त में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोस को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है और रक्त को गाढ़ा होने से बचाए रखता है।इस तरह रक्त का प्रवाह भी नियमित रहता है और शुगर का स्तर भी कम होता है। लहसुन खाने से उनका शरीर इंसुलिन सेंसिटिव हो जाता है।
- पेट के लिए
जो लोग जंक फूड या अस्वस्थ खाना खाते हैं उन्हें पेट की समस्याएं हो जाती हैं। उन्हें अक्सर पेट में दर्द, गैस, एसिडिटी कब्ज, दस्त, पेचिश व अन्य समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे में उन्हें लहसून काफ़ी फ़ायदा पहुँचा सकता है।लहसुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। ये पेट में सिर्फ़ उन्हीं बैक्टीरिया को रुकने देते हैं जो पाचन के लिए ज़रूरी हैं।जो बैक्टीरिया पेट और पाचन के लिए नुकसानदायक होते हैं लहसुन उन्हें पेट से बाहर निकालने में मदद करता है।
- ऑक्सीडेटिव तनाव में राहत
लहसुन में पाए जाने वाले यौगिक डीएनए को डैमेज़ होने से बचाते हैं। ये ऑक्सीडेंटिव तनाव से होने वाले रोगों से शरीर की रक्षा करते हैं।ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए लहसुन में डायलेक्लसल्फाईइड पाया जाता है।र्थेरोसक्लेरोसिस शरीर के लिए एक गंभीर समस्या है जोकि ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण होती है।इस रोग में धमनियों में कलेस्टरॉल का स्तर बढ़ जाता है और धमनियां संकरी हो जाती हैं। इस तरह रक्त का प्रवाह बाधित होने लगता है जिससे कि हृदय आघात या हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।लहसुन अतिरिक्त ग्लूकोस को ऊर्जा में बदल देता है जिससे कि ये बढ़कर कलेस्टरॉल का रूप नहीं ले पाते हैं।
- कैंसर से बचाव
कैंसर से बचने के लिए लहसुन का प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि यह कैंसर की संभावनाओं को चमत्कारिक रूप से कम करता है।लहसुन में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है जो माईटोसिस और मियोसिस के दौरान चेक प्वायंट्स की कार्यविधि को नियमित करता है।इस तरह कोशिकाएं एक निश्चित क्रम में ही बढ़ती हैं और वे अनियंत्रित रूप से विभाजित नहीं होती हैं। कैंसर के उपचार के लिए चीनी वैज्ञानिकों ने एक परीक्षण किया और उन्होंने यह पाया कि लहसुन पेट के कैंसर की 52% और ट्युमर की 33% संभावनाओं को कम करता है।
- रक्त में मौजूद शुगर कम करना
जब रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो मोटापा, रक्तचाप और हृदय रोग की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।रक्त में अतिरिक्त शुगर का होना अनेक रोगों के लिए एक खुला निमंत्रण है अतः इसे कम करना आवश्यक है।कुवैत के वैज्ञानिकों द्वारा एक परीक्षण किया गया। उन्होंने लैब में मौजूद कुछ जानवरों को उबली लहसुन खिलाई और कुछ को कच्ची लहसुन खिलाई।उन्होंने पाया कि कच्चे लहसुन खाना खाने वाले जानवरों के रक्त में शुगर का स्तर कम हो गया है जबकि उबली लहसुन वाले जानवरों पर कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ा।इस तरह हम देख सकते हैं कि कच्ची लहसुन शुगर को कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।जो लोग अधिक शुगर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें कच्ची लहसुन का सेवन करना चाहिए।
- जुकाम व अस्थमा के लिए
वैज्ञानिकों द्वारा यह पाया गया है कि लहसुन अस्थमा के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया की कार्यविधि को प्रभावित करता है।जुकाम के दौरान लहसुन खाने से जुकाम जल्दी ठीक हो जाता है।एक विशेष प्रकार का मस्टर्ड गार्लिक ऑयल जुकाम व अस्थमा के लिए प्रयोग किया जाता है।मस्टर्ड गार्लिक ऑयल को थोड़ा सा गरम करने के बाद इससे नाक, छाती व गले की मसाज की जाती है। इससे फेफड़ों और छाती में जमने वाला बलगम बाहर निकल जाता है।एक बात का विशेष रूप से ख़याल रखना चाहिए कि किसी भी उपचार को करने से पहले डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।आपको जुकाम हो रहा हो तो आप लहसुन की दो चार ज़वे खा सकते हैं।
- ऐलर्जी के विरुद्ध
लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ़्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो शरीर में हो रही ऐलर्जी का उपचार करते हैं।यदि त्वचा पर कीड़े के काटने या किसी अन्य वस्तु के कारण ऐलर्जी हो रही हो तो लहसुन का प्रयोग करके ऐलर्जी का उपचार किया जा सकता है।त्वचा के जिस स्थान पर ऐलर्जी हो रही हो वहाँ पर लहसुन को पीस कर लगा दें। यह ऐलर्जी को पूर्णत: ख़त्म कर देगा।लहसुन ऐलर्जिक रायनाइटिस के कारण श्वसन नलिका में हो रही सूज़न को भी कम करता है।
- दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए
दाँतों और मसूड़ों के दर्द से आराम पाने के लिए लहसुन का प्रयोग किया जाता है।लहसुन में एनाल्जेसिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।ये दर्द के लिए ज़िम्मेदार जीवाणुओं या जेर्म्स को नष्ट कर देते हैं। अगर आपके मसूड़ों या दाँतों में दर्द हो रहा हो तो कच्चे लहसुन को पीसकर दाँतों और मसूड़ों पर लगा लें।आप चाहें तो लहसुन का तेल भी लगा सकते हैं। यह भी दांतों और मसूड़ों के लिए फ़ायदेमंद होता है।
- हृदय रोगों की संभावना कम करने में
चूँकि लहसुन रक्त में कलेस्टरॉल की मात्रा को कम करता है अतः इस प्रकार रक्त की सांद्रता कम हो जाती है।कलेस्टरॉल न होने से धमनियां बाधित होने से बच जाती हैं। इस तरह रक्त धमनियों में जमने नहीं पाता है और रोगों की संभावना कम हो जाती है।जब रक्त में ग्लूकोज या कलेस्टरॉल की मात्रा होती है तो हमारे हृदय को रक्त को शुद्ध करने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है।इस तरह हृदय पर काफ़ी प्रेशर पड़ता है जिससे कि हर हार्ट स्टोक की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हमें इन समस्याओं से बचने के लिए लहसुन का सेवन करना चाहिए।
लहसुन के नुकसान…..
- शरीर से बदबू आना
अगर लहसुन का अधिक सेवन किया जाए तो पसीने से अत्यधिक बदबू आने लगती है और यह शरीर का तापमान भी बढ़ाता है।
- माइग्रेन की समस्या को बढ़ाना
जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है उन्हें लहसुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं तो उनका दर्द बढ़ सकता है।
- महिलाओं के लिए
लहसुन योनि को संक्रमण से बचाता है किंतु यदि इसका अधिक प्रयोग किया जाए तो यह हानिकारक होता है। यह योनि का पीएच/PH असंतुलित कर सकता है।
- लीवर के लिए
लहसुन का अत्यधिक प्रयोग लीवर के लिए हानिकारक होता है।लहसुन का अधिक प्रयोग करने से लीवर को ज़्यादा काम करना पड़ता है इससे इसके डैमेज होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
- पेट के लिए
लहसुन वैसे तो पेट की कई समस्याओं से राहत देता है लेकिन इसका ज़्यादा उपयोग हानिकारक होता है। यह पेट में गैस की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
- सीने में जलन और उल्टी
लहसुन के अधिक प्रयोग से चक्कर आने लगते हैं और पेट में गैस व सीने में जलन होने लगती है। कभी कभी तो उल्टियां भी होने लगती हैं।
- आँखों के लिए
जो लोग अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन करते हैं उन्हें आँख-संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। लहसुन के अधिक सेवन से हाईफ़ेमा नामक रोग हो जाता है।
- शरीर का तापमान बढ़ाना
लहसुन के अधिक सेवन से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इस तरह शरीर के अंगों की क्रिया-प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।ऐसे में बुखार की समस्या हो सकती है इसलिए लहसुन का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- त्वचा की समस्याएँ
लहसुन त्वचा की अनेक समस्याएं जैसे दाद या ऐलर्जी को ठीक करता है लेकिन इसका अधिक सेवन त्वचा को नुक़सान पहुँचाता है।लहसुन के अधिक सेवन से त्वचा पर लाल चकत्ते व धब्बे पड़ जाते है। त्वचा पर जलन और खुजली भी हो सकती है।