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कुंडली में कैसे बनता है पितृ दोष, आषाढ़ अमावस्या पर ऐसे करें उपाय

उज्‍जैन : ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को सबसे खतरनाक माना जाता है. अगर किसी जातक के कुंडली में पितृ दोष (pitra dosh in horoscope) होता है तो उस जातक के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होनी शुरू हो जाती है. वैसे भी आपके जीवन में भी कई तरह की परेशानी है या फिर बनते हुए काम बिगड़ रहे हैं, तो इसका कारण पितृ दोष भी हो सकता है. अगर आपको पितृ दोष की समस्या है तो इसके लिए आपको कुछ उपाय करने चाहिए. सनातन धर्म में पितरों को एक अलग ही स्थान दिया गया है. पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं, ताकि उन्हें पितृ दोष से निजात मिल सके.

ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज पाठक ने बताया कि पितृ दोष की समस्या हमारे जीवन में कई प्रकार की परेशानी लाती है. अगर कुंडली या घर में पितृ दोष है, तो जीवन में परेशानियां बनी रहेंगी. अगर आप से पितृ खुश हैं और उनका आशीर्वाद आपको मिलता है तो घर-परिवार में सभी कार्य सफल होंगे एवं सुख-शांति बनी रहेगी. अगर पितृ दोष से परेशान हैं तो इन तीन उपायों को करना शुरू कर दें.

  1. आपको पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना होगा. माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है. साथ ही पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा करनी चाहिए. परिक्रमा करने के बाद वृक्ष के नीचे सरसों के तेल के दीपक में काला तिल मिलाकर छाया दान करने से पितृ दोष से निजात मिलती है.
  2. पितृदोष की समस्या से छुटकारा चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक कलश में जल लेकर उसमें काला तिल मिलकर दक्षिण दिशा की ओर अर्घ्य देना चाहिए. इसके अलावा पितृपक्ष में श्राद्ध, पिंडदान आदि का कर्म करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं. अगर व्यक्ति ऐसा करते हैं तो पितृ दोष समाप्त होंगे. साथ ही उनसे पितृ प्रसन्न होंगे और आशीर्वाद प्रदान करेंगे.
  3. पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को रोज शाम के समय स्वयं को शुद्ध कर, मिट्टी के दीए में तेल डालकर दीपक जलाना चाहिए. घर की छत पर दक्षिण दिशा में दीया रख दीजिए. इसके बाद पितरों से हाथ जोड़कर कुशल मंगल की कामना करें. मिट्टी का दीपक न हो तो गाय के गोबर से दिया बनाकर भी प्रयोग कर सकते हैं. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में खुशियां आएंगी और पितरों का आशीर्वाद मिलेगा.

हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 05 जुलाई 2024, शुक्रवार की सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर होगा. वहीं 06 जुलाई 2024, शनिवार की सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन होगा. उदयातिथि होने के कारण अमावस्या 05 जुलाई को मनाई जा रही है.

आषाढ़ अमावस्या के उपाय

  1. यदि आप पितृ दोष से ग्रसित हैं तो आपको इस दिन पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए.
  2. इस दिन किसी पवित्र नदी या सरोबर में स्नान-ध्यान के बाद दक्षिण दिशा में मुखकर काले तिल मिश्रित जल से अर्घ्य दें.
  3. आषाढ़ अमावस्या पर अपने पितरों का ध्यान कर हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें. ऐसा करने से परेशानियों से मुक्ति मिलेगी.
  4. इस दिन गाय, कौआ, कुत्ता, चिड़िया के लिए दाना डालें और पानी की व्यवस्था करें. ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
  5. यदि आप धन संबंधी परेशानी से जूझ रहे हैं तो लाल कपड़े में अलसी के बीज और कपूर को बांधकर ऊपर से कलावा लपेट दें. इसके बाद इसे नदी में प्रवाहित कर दें.

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