साइबर अपराध से निपटने को कितनी अपग्रेड है यूपी पुलिस? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी से मांगा जवाब
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साइबर क्राइम के मामलों की विवेचना में खामियों पर नाराजगी जताते हुए डीजीपी से जानकारी मांगी है। पूछा है कि साइबर क्राइम के मामलों की जांच के लिए प्रदेश की पुलिस कितनी तैयार है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि पुलिस को साइबर क्राइम के मामलों की जांच के लिए ट्रेंड करने को किसी विशेषज्ञ संस्था को जिम्मेदारी दी गई है या साइबर अपराधों की जांच में पुलिस आईटी विशेषज्ञों से सलाह लेती है। साथ ही यह सलाह किस तरह ली जाती है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने एक किशोरी की अश्लील तस्वीरें व वीडियो फेसबुक पर पोस्ट करके उसे बदनाम करने और ब्लैकमेल कर रकम ऐंठने के आरोपी साबू की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान पाया कि पुलिस ने अदालत में जो जानकारी भेजी, उसमें यह नहीं बताया कि किस व्यक्ति ने किशोरी का वीडियो बनाया। जिस डिवाइस से वीडियो बनाया गया उसे जब्त किया गया या नहीं, उस डिवाइस के बारे में अन्य जानकारियां भी नहीं दी गईं।
किस व्यक्ति ने वीडियो और तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड कीं और उसे किस तरह प्रसारित किया आदि की जानकारी पुलिस ने नहीं दी थी। कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराध के मामलों में यह लगातार देखने में आ रहा है कि पुलिस की ओर से भेजी जा रही जानकारियां पूरी तरह अर्पाप्त हैं। इससे पता चलता है कि साइबर अपराध के मामलों की जांच कर रही पुलिस विवेचना की सही लाइन पकड़ने में सक्षम नहीं है।