गाजा में संघर्ष का कैसे निकलेगा शांतिपूर्ण समाधान, मोदी ने इजराइल के PM नेतन्याहू को बताया रास्ता
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की और गाजा में युद्ध की मौजूदा स्थिति में सुधार और जारी संघर्ष के शीघ्र व शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, युद्धविराम तथा मानवीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता के अपने आह्वान को दोहराया।
नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री को फोन किया था और इस दौरान भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं दीं। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘‘हमने पश्चिम एशिया की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। स्थिति में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, युद्धविराम और मानवीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता के अपने आह्वान को दोहराया।” गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्ध में अब तक 40 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। बाद में यहां प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने (मोदी) बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया।”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी पहले भी नेतन्याहू से हुई अपनी बातचीत के दौरान इस संघर्ष का समाधान बातचीत व कूटनीति के जरिए निकालने पर जोर देते रहे हैं। पीएमओ के अनुसार दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं और भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने संपर्क में रहने पर भी सहमति व्यक्त की दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब गाजा में युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति वार्ता का एक नया दौर बृहस्पतिवार को शुरू हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों ने इजराइल-हमास युद्ध को रोकने और बड़ी संख्या में बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वार्ता का एक नया दौर शुरू किया। गाजा में युद्ध विराम से संभवतः पूरे क्षेत्र में तनाव खत्म होने की उम्मीद है। युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर को तब हुई जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए (जिनमें से अधिकतर नागरिक थे) और लगभग 250 लोगों को बंधक बनाकर गाजा लाया गया।