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#HowsTheJobs: पिछले एक साल में 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंची बेरोजगारी
भारत में बेरोजगारी की समस्या पिछले 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। नेशनल सैंपल सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा किए गए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। इससे केंद्र सरकार की परेशानी बढ़ सकती है।
बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक जुलाई 2017 से जून 2018 तक बेरोजगारी की सीमा 6.1 फीसदी पहुंच गई, जो 1972-73 के बाद सबसे ज्यादा है। इसी डाटा को जारी न करने के फैसले के कारण ही राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों नेअचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी का कार्यकाल जून 2020 में पूरा होना था। आयोग में केवल यही दोनों गैर सरकारी सदस्य थे।
शहरी क्षेत्रों में बढ़ी संख्या
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारों की संख्या 7.8 फीसदी रही, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह 5.3 फीसदी रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के चलते नई नौकरियों की संख्या में काफी गिरावट आ गई थी, जो अभी संभली नहीं है। एक तरफ जहां जीडीपी की रफ्तार 7 फीसदी से ज्यादा है, वहीं बेरोजगारी के आंकड़े सरकार की पेशानी पर बल डालते हैं। पिछले एक साल में नौकरियां मिलने की संख्या 1.1 करोड़ कम हुई है।
विपक्ष ने कसा तंज
एनएसएसओ के आंकड़ों पर कई विपक्षी नेताओं ने सरकार के ऊपर तंज कसा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा है नोमो जॉब्स….#HowsTheJobs… 6.5 करोड़ लोग एक साल में बेरोजगार हो गए हैं। इसके अलावा एक और नेता असद्दुीन औवेसी ने कहा कि जोश नहीं लोगों को नौकरी की जरूरत है जो कि नहीं हैं।