हंगरी और सर्बिया ने भी दी भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता, भारत बायोटेक ने जताई खुशी
हंगरी और सर्बिया ने भी भारत के COVID-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र की मान्यता के लिए सहमती दे दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रमाणपत्रों की मान्यता से लोगों को महामारी के बाद की दुनिया में शिक्षा, व्यवसाय, पर्यटन और अन्य चीजों के लिए दूसरे देशों में जाने में मदद मिलेगी।
बागची ने एक ट्वीट में कहा, “एक और देश ने भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्र को मान्यता दिया है। सर्बिया के साथ पारंपरिक मित्रता कोविड -19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता में तब्दील हुई है।” एक दूसरे ट्वीट में बागची ने लिखा, “कोविड -19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता शुरू होती है! भारत और हंगरी एक-दूसरे के कोविड -19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों को मान्यता देने के लिए सहमत हैं। शिक्षा, व्यवसाय, पर्यटन और उससे आगे के लिए गतिशीलता की सुविधा प्रदान करेंगे।”
यह घटनाक्रम यूके सरकार द्वारा टीकाकरण किए गए भारतीय यात्रियों के लिए अनिवार्य संगरोध की आवश्यकता को हटाने के निर्णय के एक दिन बाद आया है। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने एक ट्वीट में कहा, “यूके जाने वाले भारतीय यात्रियों के लिए 11 अक्टूबर से कोविशील्ड या यूके द्वारा अनुमोदित किसी अन्य वैक्सीन के जरिए पूरी तरह से टीका लगाए गए व्यक्ति को क्वारंटाइन में नहीं रहना होगा।”
इससे पहले भारत बायोटेक ने एक ट्वीट में कहा, हमने एक और मुकाम हासिल किया है, कोवैक्सीन को हंगरी में जीएमपी प्रमाणपत्र दिया गया। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक को मिला पहला ईयूड्रैगडीएमपी अनुपालन प्रमाणपत्र है। ट्विटर पर डाले गए एक नोट में कहा गया कि हंगरी के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड न्यूट्रिशन ने कोवैक्सीन के विनिर्माण के लिए जीएमपी प्रमाणपत्र दिया है। भारत बायोटेक ने कहा कि जीएमपी प्रमाण पत्र अब ईयूड्रैगडीएमपी डेटाबेस में सूचीबद्ध है, जो विनिर्माण प्राधिकरणों के यूरोपीय समुदाय के रिकॉर्ड और अच्छे विनिर्माण अभ्यास के प्रमाण पत्र का संग्रह है।