करोड़ों की जालसाजी कर 600 करोड़ कमाने वाला आईएफएस अधिकारी का पति गिरफ्तार
लखनऊ : एनी बुलियन नामक कंपनी चलाकर करोड़ों की ठगी करने वाला अजीत गुप्ता गिरफ्तार कर लिया गया है। अजीत गुप्ता पर 40 करोड़ की ठगी का आरोप है। आरोप है कि उसने 40 फीसदी का रिटर्न देने का झांसा देकर अजीत ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में मुनाफा पाए दो दर्जन से ज्यादा किसान मित्रों से ठगी की। उसने राजधानी लखनऊ समेत अयोध्या, अमेठी, अयोध्या, प्रतापगढ़, सुलतानपुर समेत कई जिलों में लोगों को झूठे मुनाफे का लालच देकर उनसे करोड़ों की ठगी की। अकेले सुलतानपुर में 24 लोगों से अजीत ने ठगी की और कुल ठगी से 600 करोड़ की संपत्ति बना ली। बता दें कि लंबे समय से अजीत गुप्ता की तलाश कर रही पुलिस ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। किसानों के अनुसार, करोड़ों लोगों की ठगी की घटना को अंजाम देने वाले अजीत गुप्ता आईएफएस अधिकारी के पति हैं। उनकी पत्नी निहारिका सिंह भारत के विदेश सेवा में तैनात हैं। उसकी बड़े राजनेताओं के साथ मुलाकात भी होती रहती थी। इसका भरपूर फायदा उठाते हुए अजीत ने लोगों को अपने रईसी रसूख में फंसाया।
मूल रूप से अयोध्या निवासी अजीत गुप्ता के खिलाफ राजधानी के पांच थानों समेत अयोध्या, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रतापगढ़ समेत प्रदेश के कई जिलों में एफआईआर दर्ज हैं। डीसीपी ईस्ट सोमेन बर्मा ने बताया कि अजीत गुप्ता को पीजीआई पुलिस ने एसटीएफ के सहयोग से गिरफ्तार किया है। डीसीपी ईस्ट ने बताया कि एनी बुलियन कंपनी में हीरा, सोना. चांदी के नोट और सिक्कों का व्यापार होता था। वह लोगों को उसकी कंपनी में निवेश पर एक साल के भीतर 40 फीसदी रिटर्न का लालच देकर रुपये ऐंठता था। लालच में आकर लोगों ने उसकी कंपनी में निवेश किया और भरोसा दिलाने के लिए अजीत ने शुरुआत में तय शर्त के मुताबिक रिटर्न भी दिया, जिससे लोगों को उसकी स्कीम पर भरोसा भी हो गया। इसके बाद लोगों ने उसकी कंपनी में और निवेश करना शुरू किया।
जांच में ये बात भी सामने आई है कि निवेश में मिली रकम को अजीत ने शेयर मार्केट और सोने, चांदी की तस्करी में लगाया था। उससे जो कमाई हुई, वह निवेशकों को नहीं दी और खुद ही रख ली। इसी तरह ठगी का कारोबार बढ़ाने के लिए उसने एक सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन कराया था। उसने एनी बुलियन के अलावा 10 और कंपनियां बनाई थीं। यहां से भी फेक कारोबार खूब फल फूल रहा था। एनी बुलियन कंपनी का निर्माण 2010 में हुआ था। इस कंपनी का शेयर ट्रेडिंग मार्केट में एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स, बीएसई, एनएसई, एमएसई स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन भी कराया था।
2016 में एनी मार्केटिंग सॉल्यूशन बनाकर पतंजलि स्टोर से उसे अजीत ने जोड़ा था। अजीत का यह कारोबार इतने सालों तक चलता रहा। मोटा पैसा कमाने के लिए अजीत ने रियल एस्टेट कंपनियों में अच्छी रकम लगाई थी। अजीत, एनी राजावत प्राइवेट लिमिटेड, एनी श्री साईं इंफ्रा लिमिटेड नाम की कंपनियां बनाकर उसमें हिस्सेदार के रूप में शामिल हुआ। मोटे मुनाफे का लालच देकर सैकड़ों लोगों का निवेश कराया और मुनाफा कमाकर किनारे हो गया। जब लोगों ने अपने पैसे मांगने शुरू किए तो एक-एक कर सभी जिलों में कंपनी के दफ्तर बंद होने से निवेशकों में हड़कंप मच गया और पैसा वापस मांगने पर लोगों को धमकियां मिलने लगीं।