बीमा राशि हड़पने के लिए गर्भवती पत्नी की नदी में डुबाकर हत्या, पति को आजीवन कारावास की सजा
नई दिल्ली : आगर मालवा जिले में हुए दिल दहला देने वाले हत्याकांड में अपर सत्र न्यायालय ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने गर्भवती पत्नी की हत्या करने वाले पति संतोष पुरी पिता ओमप्रकाश पुरी को आजीवान कारावास की सजा सुनायी है. साथ में 10 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा. बीमा की जिले में बीमे की राशि हड़पने का लिए गर्भवती पत्नी रिंकू पुरी के हत्यारे पति संतोष पुरी को अपर सत्र न्यायालय सुसनेर ने आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.
पति संतोष ने षड्यंत्रपूर्वक कार सहित गर्भवती पत्नी को चवली नदी में डुबाकर मार डाला था. घटना 5 अक्टूबर 2019 की है. शासकीय अधिवक्ता मुकेश चौधरी ने बताया कि सोयत पुलिस को अल सुबह सूचना मिली थी कि एक कार मध्य प्रदेश राजस्थान बॉर्डर पर चवली नदी में गिर गई है. उसमें एक महिला सवार थी. वह नदी के तेज बहाव में बह गई है. महिला की पहचान रिंकू पुरी के तौर पर की गयी. सूचना पर सोयत पुलिस और राजस्थान की रायपुर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया था. उसके बाद अगले दिन महिला की लाश नदी में मिली थी.
पूरे मामले में पुलिस की जानकारी में आया कि मृतका रिंकू की शादी घटना से सिर्फ डेढ़ साल पहले आर्य समाज पद्धति से भोपाल में संतोष पुरी से हुई थी वो 7 माह की गर्भवती थी. 5 अक्टूबर 2019 यानि घटना वाले दिन वो अपने पति संतोष पुरी के साथ गाड़ी नंबर एमपी 09 सी आर 4401 कार से पुष्कर जी जाने के लिए निकली थी. पुष्करजी में दर्शन करने के बाद दोनों पति पत्नी गाड़ी आगर लौट रहे थे. गाड़ी पति यानि अभियुक्त संतोष ही चला रहा था. बगल की सीट पर पत्नी बैठी हुई थी. करीब 6 बजे राजस्थान बार्डर से आगे एमपी में चवली नदी के पुलिया से गाड़ी नदी में गिर गई. डूबने से सात माह की गर्भवती पत्नी की मृत्यु हो गई.
तत्कालीन थाना प्रभारी हितेष पाटिल ने मर्ग कायम कर जांच में लिया. बारीकी से जांच करने पर सामने आया कि अभियुक्त संतोष ने कुछ दिन पहले ही पत्नी का बीमा करवाया था. उसकी नजर बीमा की राशि पर थी. उसके बाद पुलिस ने इस दिशा में जांच शुरू की. चश्मदीद साक्षी बजरंग, हरिसिंह, मृतका की बहन और उसके मित्र विक्की के बयान और व्हाटसअप चैटिंग के आधार पर पुलिस का शक पुख्ता हो गया. मृतका के एलआईसी इंश्योरेंस पॉलिसी की जांच के बाद पुलिस ने अभियुक्त के विरूद्व धारा 302 भादवि का अपराध पंजीबद्व कर जांच पूरी की और अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के सामने पेश किया.
अदालत ने एजीपी श्री मुकेश जैन चौधरी के तर्को से सहमत होते हुए अभियुक्त को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास और 4000 रूपए जुर्माना, व्यतिक्रम में 1 माह कारावास, धारा 495 भादवि में 05 साल का कारावास और 3000 रूपये अर्थदण्ड, व्यतिक्रम में एक माह कारावास और धारा 316 भादवि में 5 साल का कारावास और 3000 रूपये अर्थदण्ड व्यतिक्रम में एक माह का कारावास से दण्डित किया.