दिल्ली

‘I am Sorry मैंने श्रद्धा को मारा, मुझसे गलती हुई’…दिल्ली पुलिस के सामने गिड़गिड़ाया आफताब

नई दिल्ली: दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा वालकर मर्डर केस में नया खुलासा हुआ है। पुलिस की चार्जशीट के अनुसार आफताब पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या के बाद उसका चेहरा और सिर बिगाड़ने के लिए ब्लो टॉर्च (धातु गलाने वाला बर्नर) का उपयोग किया था। आफताब ने कबूल किया कि श्रद्धा की अस्थियां जलाने और ग्राइंडिंग मशीन में पीसने का उसका पिछला खुलासा पुलिस को गुमराह करने के लिए था।

वहीं दायर चार्जशीट के अनुसार आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से कहा कि मैंने श्रद्धा वालकर की हत्या की है, कृपया मुझे माफ कर दें। मैंने सबूत नष्ट कर दिए हैं, मैंने गलती की है। स्थानीय अदालत में दायर आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि आफताब अमीन पूनावाला एक ऐप के माध्यम से एक साथ कई महिलाओं को डेट कर रहा था। उनमें से वह एक को घर पर भी लाया था।

पुलिस की 6600 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया कि आफताब ने पुलिस को अपने नए कबूलनामे में बताया कि हत्या की रात वह अपने घर के पास की एक हार्डवेयर की दुकान पर गया और एक आरी, तीन ब्लेड, एक हथौड़ा और प्लास्टिक की क्लिप खरीदी। श्रद्धा के शव को बाथरूम में ले गया और आरी से पहले उसके हाथ काटे और उन्हें पॉलीथिन बैग में रख दिया। उसने यह बैग अपनी रसोई के निचले कैबिनेट में रख दिया। अगले दिन रात करीब 2 बजे उसने श्रद्धा के शरीर के पैर के हिस्से को दिल्ली के छतरपुर जंगल क्षेत्र में ठिकाने लगा दिया।

अगले 4-5 दिनों में आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए और उन्हें दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा ताकि वे सड़ें नहीं। उसने एक-एक कर उसके शरीर के अंगों को ठिकाने लगाया। हत्या के तीन महीने बाद उसके सिर को ठिकाने लगाया। चार्जशीट में आफताब के हवाले से बताया गया कि कत्ल की वारदात को अंजाम देने के बाद श्रद्धा का इंस्टाग्राम अकाऊंट उसके मोबाइल फोन में लॉग इन था।

उसने अपने कबूलनामे में आगे बताया कि उसने श्रद्धा बनकर उसके दोस्त लक्ष्मण नाडर के मैसेज का इंस्टाग्राम पर ही रिप्लाई किया था। दिल्ली की अदालत ने श्रद्धा हत्याकांड मामले में आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र का मंगलवार को संज्ञान लिया। अदालत ने आरोपपत्र पर गौर करने के लिए मामले को 21 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

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