“मैं प्रवर्तन निदेशालय को आने और रुकने के लिए आमंत्रित करता हूं”, मीडिया से बात करते हुए बोले तेजस्वी यादव
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है। इस महागठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी से के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए अपने नीतीश कुमार की तारीफ को है। एनडीटीवी को दिए गए मुलाकात में यह प्रश्न पूछने पर कि क्या उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की कार्रवाई को लेकर चिंता नहीं सता रही? जिस पर जवाब देते हुए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, “मैं प्रवर्तन निदेशालय को आने और रुकने के लिए आमंत्रित करता हूं।”
उल्लेखनीय है कि, विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि केंद्र सरकार, राजनीतिक बदलें की भावना से केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। आरजेडी नेता तेजस्वी ने कहा कि, नीतीश कुमार की पार्टी के साथ गठबंधन तुरत-फुरत हुआ।
एनडीटीवी से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “वे (ईडी) आ सकते हैं और हमारे यहां ऑफिस खोल सकते हैं। कृपया आइए और जितने लंबे समय तक रहना चाहते हैं, रहिए। यह बीजेपी के वर्किंग सेल की तरह काम कर रहा है।”
डिप्टी सीएम तेजस्वी ने यह कहा, “उन्हें मेरे घर में ऑफिस खोलने दीजिए। मैं आपके चैनल के माध्यम से उन्हें न्योता दे रहा हूं। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, कृपया आइए और जितने लंबे समय तक रहना चाहते हैं, रहिए। जाकर, दो महीने बाद छापेमारी के लिए क्यों आना चाहते हैं। यहीं रुकिए। यह आसान है।” तेजस्वी ने कहा कि, केंद्रीय एजेंसी बीजेपी के सेल की तरह काम कर रही हैं।
10 लाख नौकरियां देने के वादे को पूरा करेगी सरकार
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, उनकी नवगठित सरकार 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान राजद के अभियान की अगुवाई करते हुए 10 लाख नौकरियां देने के वादे को पूरा करेगी। यादव ने दावा किया कि, सीएम नीतीश कुमार ने संबंधित अधिकारियों को रोजगार सृजन को “सर्वोच्च प्राथमिकता” देने के निर्देश जारी किए हैं।
यादव ने कहा, “सरकारी विभागों में बहुत सारे पद खाली हैं। हम इन्हें भरकर शुरू करेंगे। बस कुछ समय के लिए जब तक हम विधानसभा में बहुमत साबित करके पूरी तरह कार्यात्मक नहीं हो जाते।” उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक वादा नहीं था, बल्कि बिहार में रोजगार सृजन की तीव्र आवश्यकता की स्वीकृति भी थी।
उन्होंने ने कहा, “हम इस पर वापस जाने के बारे में नहीं सोच सकते क्योंकि लोगों ने चुनावों में अपना आशीर्वाद बरसाया था, जिसमें राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को एनडीए की तुलना में सभी 243 विधानसभा सीटों पर केवल 12,000 वोट कम मिले थे।”