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“काश, मैंने समय पर दवा सेवन की होती!”
फाइलेरिया से जूझते अरविंद की आपबीती
बाराबंकी : ब्लॉक देवा स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर, डीहा के रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) के सदस्य अरविंद कुमार (34) बीते आठ वर्षों से फाइलेरिया से पीड़ित हैं। इस बीमारी ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी है। बायां पैर सूजने के कारण वे न तो भारी सामान उठा सकते हैं, न ही खेतों में काम कर सकते हैं। कैटरिंग का काम करने वाले अरविंद के लिए परिवार का भरण-पोषण कठिन हो गया है।
इलाज के लिए लगाए चक्कर, लेकिन नहीं मिली राहत
सिद्धौर ब्लॉक के अलीगढ़ गांव निवासी अरविंद के परिवार में पत्नी, मां और दो छोटे बच्चे हैं। परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उन्हीं पर है, लेकिन शारीरिक कमजोरी के कारण वे पहले की तरह काम नहीं कर पा रहे हैं। अरविंद बताते हैं, “करीब आठ साल पहले बाएं पैर में सूजन और बुखार आया। मेडिकल स्टोर से दवा लेने पर आराम मिला, लेकिन बाद में सूजन बढ़ गई और गिल्टी निकल आई। निजी क्लीनिक में एक महीने इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब हल्की चोट लगने पर भी पैर से पानी रिसता है, जिससे रोजमर्रा के काम मुश्किल हो गए हैं।”
बीमारी ने आर्थिक और सामाजिक जीवन पर डाला असर
अरविंद कहते हैं, “फाइलेरिया के कारण भारी सामान उठाना और लंबे समय तक खड़ा रहना मुश्किल हो गया है, जिससे कैटरिंग का काम प्रभावित हुआ है। कमाने की उम्र में इस बीमारी ने न सिर्फ मेरी कार्यक्षमता घटाई, बल्कि परिवार को भी आर्थिक संकट में डाल दिया। अकेला कमाने वाला होने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है।” वह सामाजिक आयोजनों में जाने से भी कतराते हैं, क्योंकि लोगों के सवालों से असहज महसूस करते हैं। हाल ही में पीएसपी मंच से सही जानकारी मिलने पर उन्होंने नियमित पैर की देखभाल और व्यायाम शुरू किया, जिससे कुछ राहत मिली। आयुष्मान आरोग्य मंदिर, डीहा की सीएचओ रीतू यादव बताती हैं कि फाइलेरिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उचित देखभाल से इसकी गंभीरता को रोका जा सकता है।
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अरविंद ने अपने परिवार के सभी सदस्यों को एमडीए अभियान के तहत दवा खिलाई और अब गांव में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वे कहते हैं, “अगर मैंने समय पर दवा ली होती, तो आज इस परेशानी से न जूझ रहा होता। सभी लोग इन दवाओं का जरूर सेवन करें और अपने परिवार को इस बीमारी से बचाएं।”
सभी करें दवाओं का सेवन
सीएचओ रीतू यादव ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर, डीहा क्षेत्र में फाइलेरिया के 33 मरीज चिन्हित किए गए, जो बीमारी की गंभीरता दर्शाता है। इसे रोकने के लिए 25 फरवरी तक एमडीए अभियान चला, अब 4 मार्च तक छूटे लोगों के लिए मॉपअप राउंड चलेगा। “हम सभी सीएचओ-पीएसपी टीम अभियान की सफलता के लिए जुटे हैं, ताकि कोई और अरविंद जैसी तकलीफ न झेले।”
जनपद के 9 ब्लाकों में एमडीए अभियान की प्रगति
दवा सेवन कराने का लक्ष्य – 22 लाख
25 फरवरी तक दवा सेवन कर चुके लोगों की संख्या – 18.90 लाख