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IAF के विमान को काबुल हवाई अड्डे पर उतरने की मंजूरी का इंतजार, अभी भी फंसे है कई भारतीय

काबुल। अफगानिस्तान की राष्ट्रीय राजधानी काबुल पर कब्जे के साथ तालिबान ने देश पर अपनी हुकूमत का ऐलान कर दिया है। इस बीच अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकाले जाने का अभियान युद्धस्तर पर जारी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक काबुल में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को अफगानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर उतरने की मंजूरी का इंतजार है। सूत्रों का कहना है कि अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए एयरफोर्स और कमर्शियल प्लेन स्टैंडबाय पर हैं।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद अब तक करीब 180 भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है। मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में अफगानिस्तान में वर्तमान और विकसित हो रही सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति पर पूरी जानकारी दी गई। भारतीय वायु सेना का C-17 विमान से काबुल से भारतीयों को लाया गया था। इस फ्लाइट से मंगलवार को भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन और अन्य स्टाफ सदस्य भारत पहुंचे थे।

इस बीच कुछ लोग तालिबानियों से डरकर देश छोड़ रहे हैं तो कुछ ने उनके खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। कई इलाकों में तालिबान के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। बुधवार को तालिबान का झंडा हटाकर अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान तालिबानी बंदूकधारियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली बरसा दी। अफगानिस्तान के जलालाबाद घटी इस घटना में प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर बंदूकधारियों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। राजधानी काबुल से लगभग 115 किलोमीटर दूर पूर्वी शहर जलालाबाद के पश्तूनिस्तान स्क्वायर में तालिबान और अफगान समर्थकों के बीच झड़प देखने को मिली। शुरूआती रिपोर्टों से पता चला है कि स्थानीय लोगों ने शहर के एक चौराहे पर पिछली अफगान सरकार के काले, लाल और हरे झंडे के स्थान पर फहराए गए तालिबान के झंडे को हटा दिया था।

जलालाबाद की घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें भीड़–भाड़ वाली गली में कई गोलियां चलाई जा रही हैं। इस दौरान स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आए। मीडिया रिपोट के मुताबिक हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं, वे तालिबान लड़ाके थे। उन्हें बाद में भीड़ पर लाठियों से चार्ज करते देखा गया। एक अन्य वीडियो में, प्रदर्शनकारियों को पिछली अफगान सरकार का झंडा लहराते हुए देखा जा सकता है। आपको बता दें कि जलालाबाद वह जगह भी है जहां हर साल 19 अगस्त को उस दिन के रूप में मनाया जाता है जिस दिन अंग्रेजों ने 1919 में अफगान स्वतंत्रता को मान्यता दी थी।

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