स्पोर्ट्स

ICC रैंकिंग में टॉप-35 में नहीं एक भी तेज़ गेंदबाज़, फिर भी इंग्लैंड में यही होंगे तारणहार!

वनडे क्रिकेट में आईसीसी की बल्लेबाजों की रैंकिंग में टॉप 10 में सिर्फ एक भारतीय बल्लेबाज़ शामिल है. गेंदबाज़ी में तो हाल और बुरा है क्योंकि जो टीम चुनी गई है, उसमें से कोई भी खिलाड़ी टॉप-10 में भी नहीं है. अक्षर पटेल 11वें पायदान पर और अमित मिश्रा 15वें पायदान पर हैं, लेकिन ये दोनों मौजूदा टीम का हिस्सा नहीं हैं. जबकि 19वें नंबर पर काबिज रविचंद्रन अश्विन को टीम में जगह दी गई है. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि भारत का कोई भी तेज़ गेंदबाज़ आईसीसी की रैंकिग में टॉप-35 गेंदबाज़ों में शामिल नहीं है. बावजूद इसके फॉर्म के लिहाज़ से भारत की सबसे बड़ी उम्मीद इंग्लैंड में तेज़ गेंदबाज़ों की चौकड़ी ही होगी.

ये भी पढ़ें: दीपिका के घर गुंजी बच्चे की किलकारियां, दिया बेटे को जन्म

ICC रैंकिंग में टॉप-35 में नहीं एक भी तेज़ गेंदबाज़, फिर भी इंग्लैंड में यही होंगे तारणहार!शमी और पंड्या तो टॉप 100 में भी नहीं!
आईसीसी रैंकिंग में 37वें नंबर पर भुवनेश्वर, 43वें पर उमेश यादव, 47वें पर बुमराह हैं, जबकि शमी और पंड्या तो टॉप 100 से भी बाहर हैं. बावजूद इसके इंग्लैंड की स्विंग और सीम गेंदबाज़ों को मदद करने वाली पिचों पर, भारत की चौकड़ी हर लिहाज़ से सक्षम है. अगर भुवनेश्वर के पास नई गेंद और पूरानी गेंद से स्विंग का हथियार है, तो बुमराह डेथ ओवर के माहिर खिलाड़ी हैं. पंड्या नई गेंद का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं, तो मिड्ल ओवर में भी असरदार साबित हो सकते हैं. वहीं मोहम्मद शमी इस आक्रमण के सबसे हुनरमंद गेंदबाज़ हैं.

आलोचकों का तर्क
हां, आलोचक ये तर्क भी दे सकते हैं कि 2015 वर्ल्ड कप के बाद मोहम्मद शमी ने एक भी वनडे मैच नहीं खेला है हार्दिक पंड्या को भी आईपीएल से पहले फिटनेस की समस्या हुई थी जबकि जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार पर आईपीएल की थकावट का असर देखने को मिल सकता है.

ये भी पढ़ें: तो अब कन्फर्म हो गया कि प्रभास के साथ साहो में अनुष्का शेट्टी

अगर स्पिनर ने दिया साथ…
स्पिन डिपार्टमेंट में भी भारत को समस्या का सामना करना पड़ सकता है. अश्विन अगर आईपीएल में एक भी मैच नहीं खेले तो दूसरे स्पिनर रविंद्र जाडेजा का फॉर्म आईपीएल में बहुत शानदार नहीं रहा था. वैसे 2013 में जडेजा भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज़ रहे थे, जिन्होंने सिर्फ 5 मैच में 12 विकेट झटके थे और उनका इकॉनोमी रेट 4 रन प्रति ओवर से भी कम का रहा था.

2013 में जडेजा को अश्विन का भरपूर साथ मिला था और अगर इस बार भी ऐसा रहा, तो कागज और रैंकिंग में कमज़ोर दिखने वाला गेंदबाज़ी आक्रमण, मौजूदा फॉर्म और काबिलियत के लिहाज़ से टीम इंडिया की सबसे मज़बूत कड़ी साबित हो सकता है.

 

Related Articles

Back to top button