कल खुलने हैं गंगोत्री धाम के द्वार
गंगोत्री: जी हां 22 अप्रैल 2023 को मां गंगा जी के कपाट खुलने हैं। श्रद्धा उमंग उम्मीदों और विश्वास के कपाट खुलने से इंसान ही नहीं प्रकृति भी अति रोमांचित है, व्याकुल है मां गंगा जी से मिलन के लिए। इसीलिए तो प्रकृति ने मां गंगा जी के आने के सभी रास्तों को जल से नहीं अपने अमूल्य उपहार बर्फ से धोने के साथ ही समूचे गंगोत्री धाम में बर्फ की झक सफेद कालीन बिछा दी है। जमीन ही क्या सभी दिव्य पेड़ पौधों देवदार, भोज वृक्षों के ऊपर भी बर्फ को मोटी सफेद चादर ओढ़ा दी है।
महसूस हो रहा है कि मानो प्रकृति भी कपाट खुलने से पहले समूचे गंगोत्री धाम को दिल खोलकर सजाने संवारने का काम करने में मशगूल है। पिछले तीन दिनों से गंगोत्री धाम (समुद्रतल से 3140 मीटर) में जमकर बर्फबारी हो रही है।। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट यानी कल अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाने हैं। दोनों धामों में कपाट उद्घाटन के साथ श्रद्धालु बर्फबारी का भी दीदार करेंगे। दोनों धामों में कपाटोद्घाटन की तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। मुखीमठ मुखबा से मां गंगा की उत्सव डोली आज रवाना होंगी। वहीं खरसाली से मां यमुना की डोली शनिवार सुबह यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
यह पहला मौका है जब यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के शुभ मूहर्त पर बर्फबारी का दीदार करेंगे। कुदरत की मेहरबानी से अप्रैल जैसे गर्मी के माह में दोनों धाम बर्फबारी से लकदक हैं। यदि कोई श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के मौके पर मां गंगा और यमुना के दर्शन के लिए आ रहे हैं, तो अपने साथ गर्म वस्त्र जरूर लेकर आए। क्योंकि बर्फबारी के कारण दोनों धामों में ठंड का प्रकोप बढ़ा है।
मुखीमठ मुखबा से ढोल बाजो वा सेना की बैंड पार्टी की धुन पर भावुकता के साथ मां गंगा की डोली आज 12 बजकर 15 मिनट पर प्रस्थान करेगी। आज मां गंगा रात्रि विश्राम भैरो घाटी में करेगी। अगले दिन सुबह गंगोत्री धाम पहुंचेगी। उधर, खरसाली से मां यमुना की डोली अपने भाई शनि महाराज (सोमेश्वर देवता) की अगुवाई में यमुनोत्री धाम के लिए 22 अप्रैल सुबह रवाना होगी। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल ने बताया कि धाम में कपाट उद्घाटन की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर ज्यादा से ज्यादा से श्रद्धालुओं से मां गंगा के दर्शन का न्योता दिया है।
बर्फ है तो मां गंगा जी हैं। इसीलिए कपाट खुलने से पहले मां गंगा जी ने बर्फ के आभूषणों से श्रृंगार कर स्वयं गंगोत्री धाम को भी बर्फ से लकदक कर दिया है।।
रिपोर्ट: लोकेन्द्र सिंह बिष्ट