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उत्तर प्रदेश के 3 जिलों में 4 हजार एक्टिव केस, नही चेते तो एक दिन…

उत्तर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर के हैरान करने वाले आंकडे सामने आ रहे है। राज्य में औसतन पौने दो लाख सैंपल की जांच हो रही है पर आंकड़ों में तेजी पिछली लहरों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। यहां बीते 5 दिनों में सक्रिय मामलों में 6500 की बढ़ोत्तरी के साथ अब यह संख्या 8 हजार के पार हो चुकी है। सबसे ज्यादा बिगड़े हालात गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद व लखनऊ के है। अकेले इन 3 जिलों में 4 हजार से ज्यादा सक्रिय केस मौजूद है। हालांकि सरकार ने इन जिलों में कई पाबंंदियां लगाई है पर हालात ऐसे ही बेकाबू रहे तो एक सप्ताह के भीतर दस हजार केस प्रतिदिन आने की आशंका विशेषज्ञ जता चुके है।

प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश पहले ही दे चुके है पर अभी भी प्रदेश में प्रतिदिन जांच 2 लाख का आंकड़ा नही छू पाई है। बीते 5 दिनों में राज्य में औसतन 1 लाख 75 हजार से कुछ ज्यादा ही सैंपल जांचे गए है पर पॉजिटिविटी दर में में तेजी है। यूपी में 5 दिन में 8 लाख 81 हजार 647 सैंपल की जांच हुई, जिसमें 7275 पॉजिटिव केस सामने आएं है। गुरुवार को भी टीम 9 की बैठक में सीएम ने प्रदेश में टेस्टिंग के काउंट के 4 लाख तक बढ़ाने के निर्देश अफसरों को दिए।

एक दिन पहले प्रदेश में 3 हजार 121 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आएं, वही रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या महज 47 रही। इस दौरान 1 लाख 96 हजार 502 सैंपल की जांच हुई। इसी के साथ प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या बढ़कर 8 हजार 224 हो गई। सबसे ज्यादा केस गौतमबुद्ध नगर में रिपोर्ट हुए। यहां 600 कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज हुए। वही लखनऊ में 408 व गाजियाबाद में 382 केस रिपोर्ट हुए। प्रदेश के इन तीनों जनपदों में एक हजार से ज्यादा सक्रिय केस होने के कारण सख्ती के साथ नई पाबंंदियां लागू हो गई।जिनमें स्विमिंग पूल व जिम में पूरी तरह से बंदी के अलावा होटल व रेस्टोरेंट समेत सार्वजनिक स्थलों पर 50 फीसदी क्षमता के साथ आयोजन की अनुमति दी गई थी। वही नाईट कर्फ्यू भी रात 10 बजे से 6 बजे तक लागू रहने के आदेश जारी हुए।

कोरोना की चपेट में लखनऊ समेत कई जनपदों के चिकित्सक व मेडिकल स्टॉफ आ चुके है। लखनऊ में निजी अस्पताल मेदांता के बाद KGMU व लोकबंधु के डॉक्टर व हेल्थ वर्कर भी संक्रमित पाएं गए। इस बीच KGMU ने परिसर में ऑफलाइन क्लास पर ब्रेक लगते हुए ऑनलाइन क्लासेज शुरु करने का ऐलान कर दिया। इधर गुरुवार को ओपीडी के नियमों में बदलाव के आदेश जारी हुए। अब यहां बिना ऑनलाइन पंजीकरण ओपीडी में मरीज नहीं देखे जाएंगे। ऑफलाइन पंजीकरण पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। KGMU की ओपीडी में रोजाना तीन हजार से अधिक मरीज देखे जा रहे थे। अचानक कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा। KGMU प्रशासन ने ओपीडी में डॉक्टर की सलाह के नियम को सख्त कर दिया है। इस दौरान टीकाकरण का प्रमाण-पत्र लाना भी अनिवार्य होगा।

इस बीच लखनऊ में KGMU के मेडिसिन विभाग से रिटायर चिकित्सक डॉ. सीजी अग्रवाल के शोध के आकंड़े जारी किए। इसमें उन्होंने दावा किया कि कोरोना को मात दे चुके 85 फीसदी लोगों में 4 माह बाद भी पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी पाई गई हैं। उनका यह शोध इंटरनेशनल जनरल ऑफ बेसिक एंड क्लीनिकल फार्माकोलॉजी में प्रकाशित भी हुआ। डॉ. सीजी अग्रवाल के मुताबिक यह अध्ययन लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, बस्ती, उन्नाव सहित आसपास के 15 शहरों के 998 मरीजों पर शोध किया गया है। मई से जुलाई 2021 के मरीजों पर यह शोध हुआ। उन्होंने बताया कि 18 से 60 साल के 85 फीसदी लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी पाई गई हैं। जबकि 60 से 80 साल के 82 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है।यह सभी लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके थे।

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