भारत को विश्व गुरु बनाना है तो गुरु साहिबान के सिद्धांतों व बाबा साहब के विचारों पर अमल करना होगा: राज्यपाल पुरोहित
अमृतसर: पंजाब के राज्यपाल और यूटी -चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने देशवासियों को आमंत्रित किया है कि अगर वह भारत को विश्वगुरु बनाना चाहते हैं तो उनको गुरू साहिबान के सिद्धांत पर अमल करना होगा और संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेडकर के विचारों को अपनाने के साथ-साथ संविधान को मज़बूत बनाना पड़ेगा। वह आज गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के गुरू ग्रंथ साहब भवन में एसके राजू लीगल ट्रस्ट के चेयरमैन डा. जगमोहन सिंह राजू आई ए एस (सेवामुक्त) की तरफ से करवाए गए सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सिख धर्म, डा. अम्बेडकर और संविधान: जातपात का ख़ात्मा विषय पर आयोजित सेमीनार की अध्यक्षता करने के दौरान राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का डा. जगमोहन सिंह राजू की तरफ से स्नेहपूर्ण स्वागत किया गया।
इस दौरान महत्वपूर्ण विषय पर सफलतापूर्वक सेमिनार आयोजित करन के लिए डा. राजू की प्रशंसा की गई। बैसाखी और डा. अम्बेदकर की जयंती को समर्पित सैमीनार के स्वागती भाशण में इसके आयोजक और राजू लीगल ट्रस्ट के चेयरमैन और भाजपा के सीनियर नेता डा. जगमोहन सिंह राजू ने ट्रस्ट के मिशन से जानकार करवाते हुए बताया कि रचनात्मक एवं समानता वाला समाज, जवाबदेही प्रशासन और न्यायपूर्ण वातावरण सृजन करने में रचनात्मक भूमिका निभाना ट्रस्ट का प्रथम लक्ष्य है। उन्होंने अफ़सोस व्यक्त करते हुए कहा कि नशा, बेरोजग़ारी, नौजवानों का विदेश में पलायन, आर्थिक मंदी और कट्टरवाद( अतिवाद) की यह पांच बलावें ( जिन्न) ने पंजाबी समाज को जकड़ा हुआ है। सदियों से किये जा रहे उपरालों के बावजूद इन बलावों का ख़ात्मा नहीं हो सका।
इससे पहले कंवरबीर सिंह मंजिल की तरफ से माननीय जस्टिस (सेवामुक्त) के.जी. बालाकृष्णन, भारत के पूर्व चीफ़ जस्टिस को, पिरो. सरचांद सिंह ख्याला की तरफ से राज्यसभा के सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम को, रजनीश अरोड़ापूर्व भी था, की तरफ से शिरोमणि समिति के पूर्व प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लोंगोवाल, श्रोमनी समिति के पूर्व जनरल सचिव एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका की तरफ से डा: जगमोहन सिंह राजू और डा: जसविन्दर सिंह ढिल्लों की तरफ से डा: जसपाल सिंह संधू और डा. कुलदीप कौर को पंजाबी संस्कृति के प्रतीक फूलकारी के साथ सम्मानित किये गए।
इस अवसर पर राज्यपाल पुरोहित, जोकि गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं, ने कहा कि उनके मन में सिख धर्म और पंजाबी संस्कृति के प्रति बहुत सम्मान है, जिससे उसे ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि कड़ाह प्रसाद बिना भेदभाव बँटा जाना और संगत पंगत का संकल्प, जहाँ राजा और गरीब का बराबर बैठने जैसा संस्कृति कहीं ओर नहीं मिलता। राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि कुछ लोग डा. अम्बेदकर वर्तमान भारत के नव निर्माण में बड़ा योगदान देने वाले देश और हर वर्ग के नेता और महान राष्ट्रवादी थे। शिरोमणि कमेटी के पूर्व प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लोंगोवाल ने कहा कि गुरू साहब का सिद्धांत जातपात विरोधी रहा। उन्होंने कहा कि जातपात भेदभाव मिटाने के लिए सरोवरों का निर्माण हुआ। सेमिनार में गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के वीसी डा. जसपाल सिंह संधू, दुआ और डा. कुलदीप कौर ने भी विचार रखे।