झारखण्डराजनीतिराष्ट्रीय

अगर निमंत्रण मिला तो राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में लूंगा भाग: हेमंत सोरेन

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यदि उन्हें अयोध्या में जनवरी में होने वाले राम मंदिर उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित किया जाता है तो वह इसमें शामिल होंगे।
हेमंत सोरेन ने कहा कि हालांकि उन्हें अभी तक समारोह के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अभी तक राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन यदि मुझे मिलेगा तो मैं समारोह में जाऊंगा।” वह राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। सोरेन ने कहा कि वह धार्मिक व्यक्ति हैं और मंदिरों तथा गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों पर जाते हैं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘कोई भी सच छिपाकर नहीं रख सकता। पूरा देश देख रहा है, मुझे कुछ नहीं कहना।” सोरेन ने कहा कि सरकार ने चार साल पूरे कर लिए हैं लेकिन विपक्ष राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार के आने के बाद से ही उसे अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम आदिवासी हैं लेकिन मूर्ख नहीं हैं। हम जानते हैं कि विपक्ष से कैसे निपटना है।”

मुख्यमंत्री कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए हाल में ईडी के छठे समन पर उसके सामने पेश नहीं हुए थे। ईडी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत सोरेन का बयान दर्ज करने के लिए 12 दिसंबर को उन्हें बुलाया था। अधिकारियों ने बताया कि वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। ईडी ने मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 2011 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन शामिल हैं, जो राज्य समाज कल्याण विभाग की निदेशक और रांची की उपायुक्त रह चुकी हैं। ईडी ने पिछले साल नवंबर में सोरेन से राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े एक अन्य धनशोधन मामले में पूछताछ की थी। सोरेन ने संवाददाताओं से कहा कि संघीय ढांचे में केंद्र और राज्य मिलकर काम करते हैं। सोरेन का आरोप था कि उनकी सरकार को केंद्र से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला और उनके सामने अनेक चुनौतियां हैं। भ्रष्टाचार को राज्य में विरासत में मिला विषय बताते हुए सीएम ने दावा किया कि उनकी सरकार इसे समाप्त करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पहली बार कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनमें उनकी सरकार का ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम शामिल है।

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘इंडिया’ गठबंधन में नेतृत्व के मुद्दे के प्रश्न पर झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही चेहरा बनाती है और चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर समझौता जल्द हो जाएगा। ईवीएम के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बारे में कुछ आपत्ति हैं लेकिन इस बारे में निर्णय निर्वाचन आयोग लेता है। कई देशों में इस तकनीक का इस्तेमाल बंद कर दिया गया और यदि अपना देश विश्वगुरू बनना चाहता है तो इस तरह की चीजों को समाप्त किया जाना चाहिए।” जाति आधारित जनगणना पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसके पक्ष में है लेकिन कई चीजें हैं, जिन पर ध्यान देना होगा।

Related Articles

Back to top button