नई दिल्ली : आपके वायुमार्ग में थोड़ा बलगम का होना अच्छा है। आपको उसे सुरक्षित और अपने टिश्यू को नम करने की जरूरत है। लेकिन जमाव का मतलब है आपके शरीर में बहुत ज्यादा बलगम होना। ये उस वक्त बनता है जब आपको सर्दी, साइनस या एलर्जी हो जाए या जब आप धुएं या प्रदूषकों में सांस लें। मौसम में मामूली बदलाव आपकी सेहत को खराब कर सकता है। जब आपके आसपास पर्यावरण में परिवर्तन हो, तो जुकाम, खांसी और गले में कफ की समस्या होती है। इसका अहम कारण एलर्जी है। एलर्जी और बिना इलाज के स्थिति गले में कफ के आम कारण हैं। मौसम में बदलाव के साथ हमारे आसपास के पेड़ और पौधे पराग छोड़ते हैं, जिसके बदले में खांसी और बलगम का होता है।
जैसा कि मौसम में बदलाव में आता है, तो सुबह की हवा सर्द हो जाती है और ये गले में कफ का प्रमुख कारण होता है। सर्द हवा या नमी मुक्त हवा हमारे नाक और गले में सूखापन पैदा कर सकती है। नमी को पूरा करने के लिए हमारा शरीर कफ बनाता है। ये कफ हमारे श्वसन तंत्र को नमी और गर्मी देता है जो जलन को कम करता है। सर्दियों में फ्लू, साइनस का संक्रमण और सामान्य जुकाम वायरल होते हैं जो गले में कफ का कारण बनता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण आप अक्सर बीमार पड़ते हैं जिससे गले में कफ की शिकायत होती है। आपके आसपास का सर्द वातावरण रोगाणुओं का खतरा भी बढ़ाता है, जो गले में कफ को बढ़ाता है। इसके जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं। दूसरे संक्रमण भी गले में कफ की समस्या के जिम्मेदार होते हैं।
पोषण का सही इस्तेमाल, पर्याप्त पानी पीना, गैर जरूरी दिमागी तनाव से दूरी बरतकर आप समस्या का हल कर सकते हैं। शरीर और दिमाग को हेल्दी रखने के लिए शारीरिक व्याया बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी उम्र और मेहनत के हिसाब से पर्याप्त नींद लें। दांतों को ब्रश करना सुबह में और रात के खाने के बाद सुनिश्चित करें। घर छोड़ते वक्त अपने मुंह और नाक को रूमाल से ढंक लें, बाहर के खाने से परहेज करें, विशेषकर कच्चे फल और सब्जियां और दूषित पानी न पीएं। अगर आपका गला खुरदुरा हो गया है, तो गुनगुने पानी में थोड़ा नमक डालकर गरारा करें। अदरक और काली मिर्च कफ पैदा कर गले को आराम देते हैं। बहुत ज्यादा ठंडा पानी ना पीएं, आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कम करें।