जीवनशैलीस्वास्थ्य

अगर खर्रांटे कर रहे हैं आपकी नींद खराब, तो इन उपायों को अभी पढ़ें

रात में सोते समय खर्रांटे आने के कई कारण हो सकते हैं. खर्रांटे आना कई बार एक जानलेवा बीमारी भी बन जाता है. इस बीमारी को स्लीप एपनिया कहा जाता है. खर्रांटे आने की मूल वजह सांस के रास्ते में अवरोध को माना जाता है. जब हमारे शरीर में कार्बनडाइ आक्साइड की मात्रा अधिक बढ़ जाती है और ऑक्सीजन कम हो जाता है तब ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए हम सांस लेने की कोशिश करते हैं और सांस के रास्ते में अवरोध आने की वजह से खर्रांटे आते हैं.

जब हमारी गर्दन का पिछला हिस्सा संकरा होता जाता है तब खर्रांटे की समस्या जन्म लेने लगती है। दरअसल, जब गले का पिछला हिस्सा संकरा हो जाता है तब ऑक्सीजन उस रास्ते से होकर जाती है और तब आसपास के ऊतक कंपित होने लगते हैं और खर्रांटे आने लगते हैं. वही जो लोग पीठ के बल सोते हैं उन्हें भी यह समस्या हो सकती है। जब पीठ के बल सोते हैं तो हमारी जीभ पीछे की ओर जाती है, जिससे वह तालू के पीछे मूर्धा पर जाकर लग जाती है और सांस लेने और छोड़ने में दिक्कत होती है। इस तरह हमारे ऊतक कंपन करने लगते हैं और खर्रांटे आने लगते हैं.

पानी कम पीने की वजह से भी खर्रांटे की समस्या जन्म लेती है। वही जब हम कम पानी पीते हैं तब हमारी नाक की नली सूख जाती है। ऐसे में साइनस हवा की गति को श्वास तंत्र में पहुंचने के बीच में सहयोग नहीं कर पाता और सांस लेना और भी कठिन हो जाता है। इसलिए खर्रांटे की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। इस वजह से ऐसे व्यक्ति को पानी अधिक पीना चाहिए जिसे खर्रांटे की समस्या हो. इसी के साथ जो लोग धूम्रपान या नशा करते हैं उन्हें भी खर्रांटे की समस्या हो जाती है। धूम्रपान करने से सांस लेना अत्यंत मुश्किल हो जाता है। इन कारण खर्रांटे की समस्या बढ़ जाती है.

Related Articles

Back to top button