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बैंक दिवालिया हो जाए या बंद हो जाए तो कितनी रकम मिलेगी ? जानें RBI का नया नियम

नई दिल्ली: कर्नाटक के करवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Karwar Urban Co-operative Bank) के लिए बड़ी खबर आई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। ऐसे में हर ग्राहक को यह चिंता सताती है कि अगर बैंक किसी कारणवश बंद या दिवालिया हो जाए तो खाताधारकों की जमा राशि सुरक्षित रहेगी या नहीं। इस चिंता को ध्यान में रखते हुए सरकार और RBI ने बैंक डूबने की स्थिति में जमा राशि की सुरक्षा को लेकर खास नियम बनाए हैं। आइए जानते हैं इन नियमों से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

बैंक डूबने की स्थिति में कितनी राशि सुरक्षित रहती है?
अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाता है तो उसके खातों में जमा अधिकतम पांच लाख रुपये तक की राशि ही पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है। यह सीमा सरकार द्वारा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के माध्यम से सुनिश्चित की गई है। यानि अगर आपके खाते में पांच लाख रुपये से कम राशि है तो वह पूरी वापिस मिलेगी और यह पैसा ग्राहक को 90 दिनों के अंदर वापस कर दिया जाएगा। लेकिन पांच लाख से अधिक जमा राशि का हिस्सा डूबने की स्थिति में सुरक्षित नहीं होता।

क्या अलग-अलग बैंकों में जमा राशि ज्यादा सुरक्षित रहती है?
हाँ, अगर आपके पैसे अलग-अलग बैंकों में जमा हैं तो यह बेहतर होता है क्योंकि किसी एक साथ सभी बैंक डूबने की संभावना बेहद कम होती है। इसी वजह से अलग-अलग बैंकों में जमा राशि के लिए पांच लाख रुपये की सीमा हर बैंक पर अलग-अलग लागू होती है। इससे कुल मिलाकर आपकी जमा राशि की सुरक्षा बढ़ जाती है।

FD और जमा खातों पर भी लागू है यह नियम
यदि आपके पास एक ही बैंक की अलग-अलग शाखाओं में FD और जमा खाते दोनों हैं, तो इन सभी खातों की राशि को जोड़कर पांच लाख रुपये तक ही सुरक्षा मिलेगी। यानी किसी एक बैंक के अंतर्गत सभी खातों को एक ही माना जाता है। इसलिए अगर आपने अलग-अलग बैंकों में एफडी कराई है तो आपकी राशि बेहतर सुरक्षित रहती है।

बीमा राशि वापस मिलने का समय
डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर के अंतर्गत, बैंक बंद होने की स्थिति में ग्राहकों को 3 महीने के भीतर बीमित राशि यानी पांच लाख रुपये तक की रकम वापस कर दी जाती है। यह प्रक्रिया डीआईसीजीसी (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ पूरी की जाती है ताकि ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा का भरोसा मिल सके।

पहले की तुलना में हुई बड़ी राहत
पहले बैंक खातों पर केवल 1 लाख रुपये तक की राशि ही बीमित होती थी, जिसे अब बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। यह कदम ग्राहकों के लिए एक बड़ा सुरक्षा कवच साबित हुआ है और बैंकिंग क्षेत्र में विश्वास बढ़ाने में मदद कर रहा है।

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