नई दिल्ली। भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य की अहम भूमिका है। दिमागी तौर पर शांत रहते हुए काम करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए दिनचर्या में सुधार बहुत जरूरी है। इसके तहत सबसे अहम है सुबह की धूप में टहलना।
सुबह के वक्त सूर्य की रोशनी और ऊर्जा में बहुत शीतलता होती है, जो दिमाग को तरोताजा करने में काफी मदद करती है। सुबह की धूप हमारी हड्डियों के लिए भी काफी कारगर होती है। इससे भी ज्यादा अहम यह है कि दिन की शुरूआत शांत माहौल और ताजगी के साथ होती है, जिसका असर दिन भर दिखता है।
वहीं देर से उठने के बाद सभी कामों को जल्दी से करने की जद्दोजहद में कब और देर हो जाती है पता ही नहीं चलता। नतीजा! ऑफिस जाने में देरी से लेकर बच्चों को स्कूल छोड़ने समेत हर काम में पिछड़ापन देखने को मिलता है।
इसके कारण निराशा, नकारात्मकता, अनिंद्रा और चिड़चिड़ापन पैदा होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो जाता है। सुबह के वक्त बच्चों के खेलकूद का शोर नहीं होता, गाड़ियों और टीवी की आवाज नहीं होती, प्रदूषण नहीं होता। ऐसे में सूर्य की धीमी धूप में टहलने का असर मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ही सकारात्मक पड़ता है।
लोहिया अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ़ देवाशीष के मुताबिक जिन लोगों में यह आदत बरकरार है वे सिर्फ स्वस्थ ही नहीं बल्कि काम के हिसाब से समय को भी अच्छे से व्यवस्थित कर लेते हैं। यही नहीं आम लोगों की तुलना में उनकी दिमागी स्थिति काफी बेहतर होती है और विपरीत हालात में ऐसे लोग अवसाद की चपेट में कम आते हैं।