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पति-पत्नी के बीच रहता है मदभेद, तो हरतालिका तीज पर करें इन मंत्रों का जाप

नई दिल्ली : रक्षाबंधन और जन्माष्टमी की तरह ही इस हरतालिका तीज को लेकर असमंजस की स्थिति है. ये निर्जला व्रत पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है. बता दें कि इस साल ये पर्व भी दो तिथियों में मनाया जाएगा. यह पर्व वैसे तो 18 सितंबर को है, लेकिन शुभ मुहूर्त को लेकर यह पर्व भी दो दिन मनाया जाएगा.

हरतालिका तीज हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह तीज 18 सितंबर को मनाई जाएगी. जो माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना का पर्व है. इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और उनके वैभव और यश के लिए भगवान शिव की आराधना करती हैं और दिन भर निर्जला रहकर उनसे मंगल कामनाएं करती हैं.

ज्योतिष के अनुसार इस साल हरतालिका तीज तिथि 17 सितंबर को रात 11.08 बजे शुरू होगी और 18 सितंबर को दोपहर 12.39 बजे तक रहेगी. पूजा के लिए सबसे अच्छा समय 18 सितंबर को सुबह 6 बजे से 8.24 बजे तक है.

पति को दीर्घायु मिले और यश मिले, इसके लिए महिलाएं निर्जला रहकर भगवान शिव की पूजा करती हैं. इसके पीछें एक कथा प्रचलित है, जिसके अनुसार माता पार्वती ने जंगल में भगवान शिव को प्रसन्न करने और उन्हें पाने पति के रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक निर्जला रहकर भगवान शिव की आराधना की थी. मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उन्हें पति के रूप में मिले थे.

हरतालिका तीज पर “हे गौरीशंकर अर्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रियाश और मां कुरु कल्याणी, कंतकांता सुदुर्लभम” मंत्र का जाप विशेष लाभकारी होता है. जिन विवाहित जोड़ों में मतभेद होते हैं, उन्हें इस तीज पर विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है. उन्हें शिव मंदिर में जाकर प्रार्थना करनी चाहिए और ओम गौरीशंकराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.

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