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पितृ पक्ष में इन चीजों का किया जाता है दान, प्रसन्न होते हैं पूर्वज, आती है आर्थिक समृद्धि

नई दिल्ली : हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व होता हैं जिसमें पूर्वजों के निमित श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। वर्ष 2024 में पितृ पक्ष 17 सितम्बर से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2024 तक चलेंगे। पितृ पक्ष के 16 दिनों में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि कर्म कर पितरों को प्रसन्न किया जाता है। हिन्दू धर्म में दान का बहुत महत्व होता हैं। पितरों को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पुराणों में भी पितृ पक्ष के दौरान दान पुण्य को महत्वपूर्ण बताया गया है। पितर इस दौरान यमलोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर जाते हैं। पूर्वज प्रसन्न होने से परिवार में प्रसन्नता के साथ आर्थिक समृद्धि भी आती है। आज हम अपने खास खबर डॉट कॉम के पाठकों को पितृ पक्ष के दौरान किन-किन चीजों के दान से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

स्वर्ण दान करने से सूर्य एवं गुरु संबंधी बाधा के अलावा रोगों से मुक्ति मिलती हैं वहीं चांदी दान करने से चंद्र ग्रह संबंधी बाधा दूर होती है और परिवार में शांति, सुख एवं एकता बनी रहती है। स्वर्ण के आभाव में पीतल या दक्षिणा दे सकते हैं और चांदी के अभाव में कोई सफेद वस्तु दान कर सकते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान किसी भी जरूरतमंद को अन्न का दान करना सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे वंश में वृद्धि होती है और जीवन में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती है।
नमक का दान

श्राद्ध पक्ष के दौरान नमक दान करने से किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और यदि पितरों पर कोई कर्ज था तो उन्हें उससे भी मुक्ति मिलती है। इस दौरान नमक का दान करने से पितरों का पूर्ण आशीर्वाद मिलता है।

श्राद्ध के दौरान पितरों को यदि गुड़ का दान किया जाता है तो इससे घर में सुख शांति का वातावरण बना रहता है। गुड़ का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान यदि गाय का घी किसी साफ बर्तन सहित दान में दिया जाता है तो उससे पारिवारिक संकट दूर होते हैं और पितरों का आशीष मिलता है। ज्योतिष के अनुसार इस दौरान मुख्य रूप से घी का दान करने की सलाह दी जाती है।

ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में आप जिन्हें भी भोजन कराएं, चाहे वो गरीब हों या ब्राह्मण, उन्हें भोजन के साथ वस्त्रों का दान जरूर करें। यदि आप ब्राह्मण को दान दे रहे हैं तो उन्हें वस्त्र के रूप में धोती, टोपी या गमछा दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पितर अपने वंशजों से ब्राह्मणों के रूप में वस्त्रों की कामना करते हैं।

शास्त्रों में भूमि का दान सबसे बड़ा दान होता है। इस दान से अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। भूमि के दान से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इससे मान-सम्मान व संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।

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