दस्तक ब्यूरो, देहरादून। कल यानी 16 फरवरी से राजधानी देहरादून में परिवहन विभाग सार्वजनिक वाहनों के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। नये नियमों के तहत देहरादून के मुख्य क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा। इनमें दून का सबसे व्यस्ततम केंद्र घंटाघर व परेड ग्राउंड शामिल हैं। जिन भी वाहनों में जीपीएस नहीं लगे होंगे, विभाग उन वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई करेगा। वाहनों में जीपीएस लगा है या नहीं, इसकी निगरानी इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी।
दरअसल, परिवहन सड़क सुरक्षा समिति की ओर से पिछले महीने यातायात को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की गई थी। इस बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ था कि घंटाघर व परेड ग्राउंड में प्रवेश करने वाले सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस को अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए ऑटो, रिक्शा, सिटी बस चालकों को 15 फरवरी तक का समय दिया गया था। अब समयसीमा पूरी होने के बाद परिवहन विभाग 16 फरवरी से इस नई व्यवस्था को लागू करेगा।
ऑटो-रिक्शा यूनियनों का विरोध
वहीं, परिवहन विभाग की नई व्यवस्था को लेकर ऑटो व रिक्शा यूनियनें विरोध भी कर रही हैं। यूनियनों का कहना है कि जीपीएस की अनिवार्यता वाहन चालकों का आर्थिक शोषण जैसा है। इसकी बाध्यता को खत्म करना चाहिए।
ये होंगे लाभ-
– यातायात का सुचारू रूप से संचालन
-सड़क-दुर्घटनाओं पर नियंत्रण
– प्रतिबंधित क्षेत्र में सवारी भरने वाले सार्वजनिक वाहनों की निगरानी
– सार्वजनिक वाहनों की लोकेशन प्राप्त हो सकेगी, जो कई उद्देश्यों में लाभकारी होगी
– घंटाघर, परेड ग्राउंड की परिधि में सीमित सार्वजनिक वाहन प्रवेश करेंगे
इस पर आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग की कई टीमें गठित की गई हैं, जो विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस की चेकिंग करेंगी। आरटीओ का कहना है कि यह व्यवस्था आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए लागू की जा रही है।