नई दिल्ली : उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त कमजोर होना आज कल एक आम समस्या बन गई है। लेकिन, आज कल की दौड़ती भागती जिंदगी में यह समस्या युवाओं में भी देखा जा रही है। कई बार यह देख जाता है की हमने किसी को कॉल किया लेकिन, वह कॉल हमें याद नहीं रहता। हम छोटी-छोटी चीजें भूलने लगते हैं। यह सब याददाश्त कमजोर होने के ये शुरुआती हो सकते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा सब हो रहा है तो आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है।
मेडिटेशन तनाव को कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। साइकोलॉजी के 293 छात्रों को माइंडफुलनेस ट्रेनिंग दी गई जिससे इनकी चीजों को याद रखने की क्षमता में सुधार आए। अध्ययन में पाया गया कि जिन छात्रों को ट्रेनिंग नहीं दी गई थी उनकी तुलना में ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों की याददाश्त में सुधार आया है।
सेब में क्यूरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि मस्तिष्क की कोशिकाओं काे नुकसान से बचाता है। अगर इन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचे तो बौद्धिक क्षमता में भारी गिरावट आ सकती है। सेब पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने की शक्ति रखता है।
कई मानसिक रोग विशेषज्ञ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नियमित एक्सरसाइज न सिर्फ शरीर के लिए बल्कि दिमाग के लिए बहुत लाभकारी है। यह कमजोर याददाश्त को मजबूत करने में मदद करता है। रोजाना दौड़ लगाने से आपका नर्वस सिस्टम बेहतर होता है और दिमाग तेज होता है।
Memory को मजबूत करने के लिए आप अपने काम से थोड़ा ब्रेक लें और दिमाग को रिलैक्स करें। कई बार लगातार काम करने की वजह से दिमाग थक जाता है और इस कार याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसके अलावा साल भर में कम से कम एक बार जरूर कहीं यात्रा पर जाएं। यह दिमाग (Brain) को रिलैक्स करने में मदद करता है।
दिनभर लगातार काम करने से हमारे शरीर के साथ-साथ मन पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए दिनभर में एक बार आराम करना बहुत जरूरी है। कई शोधों से यह खुलासा हुआ है कि दिन में एक बार झपकी लेने वालों की याददाश्त ज्यादा बेहतर पाई गई है।