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छाती में जलन को कहीं आप दिल का रोग तो नहीं समझते? जानिए इसके लक्षण और उपचार

नई दिल्ली : हमारा लाइफस्टाइल और खान-पान ऐसा हो गया है कि कई परेशानियां इसकी वजह से ही बॉडी में पनपने लगती हैं। सीने में जलन खराब लाइफस्टाइल की वजह से पनपने वाली एक ऐसी परेशानी है जिसमें ऐसा लगता है कि जैसे दिल के आस-पास दर्द हो रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस दर्द से दिल का कोई लेना-देना नहीं है।

सीने में दर्द और जलन की इस बीमारी को हम हार्ट बर्न के नाम से भी जानते हैं। इस परेशानी के लक्षण हर्ट अटैक या स्ट्रॉक से मिलते जुलते हैं। महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान हार्टबर्न की शिकायत होना आम बात है। अक्सर यह परेशानी खाना-खाने के बाद होती है। कुछ लोगों में किसी खास खाद्य पदार्थ को खाने या कुछ पेय पदार्थ को पीने के बाद यह परेशानी हो सकती है। आइए जानते हैं कि हार्ट बर्न क्या है और उसके लक्षण और उपचार क्या हैं।

हार्ट बर्न क्या है?

हर्टबर्न में छाती में जलन और दर्द होता है। कभी-कभी हार्टबर्न की परेशानी होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन हमेशा यह परेशानी होना खतरे की घंटी है। हार्टबर्न बीमारी नहीं है बल्कि एक लक्षण है जो एसिड रिफलेक्स की वजह से होता है। आंत में मौजूद गैस जब गले की ओर उल्टी दिशा में आने लगती है तब हार्टबर्न करने लगता है। यह परेशानी हफ्ते में एक बार कुछ देर के लिए हो सकती है और अपने आप ठीक भी हो जाती है।

हार्टबर्न के लक्षण:

छाती के बीच हिस्से या ब्रेस्टबोन के आस-पास अचानक जलन महसूस होना।
गले में भी जलन महसूस होना।
झुकने, मुड़ने पर छाती में दर्द की शिकायत होना
गर्म, एसिडिक, नमकीन और खट्टा टेस्ट
निगलने में कठिनाई होना।
मतली आना।
कब तक रहता है हार्टबर्न
किन फूड से हार्टबर्न की परेशानी हो सकती है

जिन फूड्स में ज्यादा मात्रा में ऑयल या फैट रहता है उससे हार्ट बर्न की शिकायत होती है। ज्यादा टमाटर, साइट्रस फूड, प्याज, अदरक, कॉफी, अल्कोहल, पिपरमिंट आदि से एसिड ज्यादा बनता है।

डाइट से कैसे करें हार्ट बर्न का उपचार

तरबूज, केला, सेब, नाशपाती, ओटमील खाने से हार्टबर्न की परेशानी से आराम मिलता है। दही भी हार्टबर्न का बेहतरीन इलाज है।
बढ़ता मोटापा इस परेशानी की सबसे बड़ी वजह है। वज़न कंट्रोल रखें।
कार्बोनेटेट पेय पदार्थ का सेवन नहीं करें वरना परेशानी बढ़ सकती है।
ऐसा कपड़े पहनें जो कमर पर प्रेशर नहीं बनाएं।
भूख से थोड़ा कम खाएं, ज्यादा खाने से समस्या बढ़ सकती है।
स्मोक नहीं करें।
कब्ज है तो उसका उपचार करें और नींद पूरी लें।
खाने के बाद तुरंत बिस्तर पर नहीं जाएं, तीन घंटे बाद सोएं।

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