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हमें अयोध्या, काशी, मथुरा दे दो, तो किसी मस्जिद की ओर देखेंगे भी नहीं : गोविंद देव गिरि

पुणे : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने काशी, मथुरा को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अयोध्या के बाद काशी और मथुरा के धार्मिक स्थलों का शांति से मिल जाने के बाद हम लोग किसी अन्य सभी मंदिरों से संबंधित मुद्दों को छोड़ देंगे.

गोविंद देव गिरी महाराज ने प्रेस वार्ता में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि मैंने पहले ही बता दिया है कि तीन मंदिर शांति से मिल जाने के बाद हम अन्य मंदिरों पर ध्यान देने की इच्छा भी नहीं करते हैं, क्योंकि हम लोगों को भविष्य में जीना है. भूतकाल में नहीं जीना है. देश का भविष्य अच्छा होना चाहिए तो इसलिए यदि समझदारी के साथ ये तीन मंदिर (अध्योया, काशी, मथुरा) हमें प्रेम से मिल जाते हैं, फिर हम सारी अन्य बातों को भूल जाएंगे.

एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी प्यार से समझाएंगे. देखो इन सभी स्थानों के लिए एक बात नहीं बोली जा सकती. कहीं-कहीं समझदार लोग होते हैं, कहीं-कहीं समझदार लोग नहीं होते हैं. जहां जैसी स्थिति है वहां उसी प्रकार से लोगों को समझाने की कोशिश करें. हम किसी भी प्रकार देश में शांति नहीं होने देंगे.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज अपने 75वें जन्मदिन के मौके पर 4 फरवरी से 11 फरवरी के बीच कई धार्मिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में वह पुणे के आलंदी पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया था. इस कार्यक्रमों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और श्री श्री रविशंकर सहित अन्य लोग ने भी भाग लिया.

बता दें कि 500 सालों के बाद सुप्रीम कोर्ट के ऐतिसाहिक फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है. 22 जनवरी, 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, लेकिन अभी मंदिर के निर्माण काम चल रहा है और इस दिसंबर तक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा ज्ञानवापी और मथुरा श्री कृष्ण जन्मस्थान का मामला अदालत में लंबित है.

पुणे : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने काशी, मथुरा को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अयोध्या के बाद काशी और मथुरा के धार्मिक स्थलों का शांति से मिल जाने के बाद हम लोग किसी अन्य सभी मंदिरों से संबंधित मुद्दों को छोड़ देंगे.

गोविंद देव गिरी महाराज ने प्रेस वार्ता में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि मैंने पहले ही बता दिया है कि तीन मंदिर शांति से मिल जाने के बाद हम अन्य मंदिरों पर ध्यान देने की इच्छा भी नहीं करते हैं, क्योंकि हम लोगों को भविष्य में जीना है. भूतकाल में नहीं जीना है. देश का भविष्य अच्छा होना चाहिए तो इसलिए यदि समझदारी के साथ ये तीन मंदिर (अध्योया, काशी, मथुरा) हमें प्रेम से मिल जाते हैं, फिर हम सारी अन्य बातों को भूल जाएंगे.

एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी प्यार से समझाएंगे. देखो इन सभी स्थानों के लिए एक बात नहीं बोली जा सकती. कहीं-कहीं समझदार लोग होते हैं, कहीं-कहीं समझदार लोग नहीं होते हैं. जहां जैसी स्थिति है वहां उसी प्रकार से लोगों को समझाने की कोशिश करें. हम किसी भी प्रकार देश में शांति नहीं होने देंगे.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज अपने 75वें जन्मदिन के मौके पर 4 फरवरी से 11 फरवरी के बीच कई धार्मिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में वह पुणे के आलंदी पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया था. इस कार्यक्रमों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और श्री श्री रविशंकर सहित अन्य लोग ने भी भाग लिया.

बता दें कि 500 सालों के बाद सुप्रीम कोर्ट के ऐतिसाहिक फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है. 22 जनवरी, 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, लेकिन अभी मंदिर के निर्माण काम चल रहा है और इस दिसंबर तक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा ज्ञानवापी और मथुरा श्री कृष्ण जन्मस्थान का मामला अदालत में लंबित है.

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