नई दिल्ली : कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे के RSS और बजरंग दल पर बैन लगाने वाले के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष नलिन कतील ने कहा कि प्रियंका खड़गे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में बात की. पीएम आरएसएस के स्वयंसेवक हैं, जो सेंट्रल पोजिशन में हैं और हम सभी आरएसएस के स्वयंसेवक हैं. नेहरू, इंदिरा गांधी, नरसिम्हाराव सरकार ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी लेकिन वे सफल नहीं हो सके हैं. उन्होंने कहा कि बजरंग दल और RSS पर बैन लगाने की कोशिश की तो कांग्रेस जलकर राख हो जाएगी. बेहतर होगा कि प्रियांक खड़गे देश का इतिहास जान लें. उन्हें बयान देने से पहले ध्यान देना चाहिए.
वहीं कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि आरएसएस को बैन करके दिखाओ. उन्होंने कहा- मुझे कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे की बातों में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के विचारों में दिलचस्पी है. मैं उन्हें उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की चुनौती दे रहा हूं. केंद्र सरकार के अलावा किसी के पास इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति नहीं है.
प्रियांक गहलोत के बाद अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी आरएसएस और बजरंग दल पर टिप्पणी की. उन्होंने तंज कसते हुए कहा- ये हिंदू धर्म के ठेकेदार कहते है. हम हिंदू नहीं हैं क्या? हम भी हिंदू हैं. यह RSS वाले अपने आपको संगठन कहते हैं. यह वही संगठन है, जिस पर गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने बैन लगाया था. उस समय इन्होंने लिखकर दिया था कि हम लोग राजनीति में नहीं आएंगे. बल्कि सांस्कृतिक काम करेंगे लेकिन हम लोग देख रहे हैं कि कैसा सांस्कृतिक काम ये लोग करते हैं. ये लोग कोई सांस्कृतिक काम नहीं करते हैं. इनका काम सिर्फ है गुमराह करना.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने 25 मई को कहा था कि अगर कोई संगठन कर्नाटक में शांति भंग करने या सांप्रदायिक माहौल खाराब करने की कोशिश करेगा तो उनकी सरकार उस संगठन को प्रतिबंधित करने में संकोच नहीं करेगी. दरअसल, कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जारी अपने घोषणा पत्र में कहा था, राज्य में सरकार में आते ही वह बजरंग दल, पीएफआई समेत जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए बैन लगाएगी.
जब प्रियांक खड़गे से सरकार के इस वादे को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि हमने कहा कि जो भी संगठन समाज में नफरत के बीज दिखाने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी, बीजेपी सरकार के फैसले से क्यों घबरा रही है, हम केवल कानून के अनुसार और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं जो कानून का उल्लंघन करेंगे. ऐसे में बीजेपी ये क्यों नहीं कहती कि वे कुछ भी अवैध नहीं कर रहे.
जब प्रियांक खड़गे से पूछा गया कि क्या सरकार RSS और बजरंग दल को भी बैन करेगी. इस पर खड़गे ने कहा, शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी संगठन या व्यक्ति पर कार्रवाई होगी. चाहे वह मैं ही क्यों न रहूं?
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने खड़गे के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, क्या प्रियांक खड़गे कर्नाटक के सुपर सीएम हैं? या क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे होने के नाते उन्हें सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से आगे बोलने का अधिकार मिला है? इस तरह की बेतुकी टिप्पणियां करने के लिए बिना पोर्टफोलियो वाले मंत्रियों को मुक्त करने के बजाय, कांग्रेस को अपनी 5 गारंटियों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए… लोग बेचैन हो रहे हैं और कांग्रेस केवादों से मुकरने की स्थिति में सड़कों पर उतरने को तैयार हैं.