ज्ञान भंडार
बचना चाहते हैं शनि की कुदृष्टि से तो अपनाएँ इन उपायों को
नई दिल्ली : शनि देव को पापी ग्रहों का राजा कहा जाता है। शनि दो राशियों मकर और कुंभ के स्वामी हैं। दशम और एकादश शनि के भाव हैं। अशुभ योग होने पर यह व्यक्ति को बर्बाद कर देता है और शुभ योग पर शनि व्यक्ति को मालामाल कर देता है। शनि अशुभ हो तो विवादों की वजह से भवन बिक जाता है या फिर मकान क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसके प्रभाव से धन और संपत्ति का नाश होने लगता है। कुछ लोगों को जुआ या सट्टे की लत लग जाती है और वो कंगाल हो जाते हैं। इतना ही नहीं शनि के प्रकोप की वजह से व्यक्ति को कानूनी या आपराधिक मामले में जेल भी हो सकती है।
इन टोटकों से दूर होती है शनि की कुदृष्टि
आज हम अपने पाठकों को शनि की कुदृष्टि से बचने के 10 ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिनको आजमाने से शनि की कुदृष्टि दूर हो जाती है।
- शनि की बुरी दृष्टि से बचने के लिए हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी शनि शांत होते हैं।
- शनि से जुड़ी चीजें जैसे कि तिल, उड़द, लोहा, भैंस, तेल, काले कपड़े, काली गाय और जूते का दान करना फायदेमंद रहता है।
- जिनकी कुंडली में शनि कमजोर हो उन्हें मस्तक पर दही का तिलक लगाना चाहिए।
- काले कुत्ते को रोटी खिलाना और पालना लाभदायक होता है।
- मछलियों को दाना या चावल डालना लाभकारी होता है।
- बहते पानी में चावल या बादाम डालने से फायदा होता है।
- शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए शराब, मांस और अंडे से सख्त परहेज करें।
- हर दिन कौवे को रोटी खिलाएं।
- शनिवार के दिन एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर अपना चेहरा देखें। अब शनिदेव से अपने पापों की क्षमा मांगते हुए इस तेल को शनि मंदिर में रख आएं।