पटना : विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के घटक दलों की आज नई दिल्ली में बैठक होनी है। माना जा रहा है कि इस दौरान अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट के बंटवारे और नए सिरे से रणनीति बनाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। मगर, इससे पहले ही इंडिया के नेताओं ने एक तरह का शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बिहार की राजधानी पटना में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुछ पोस्टर लगे दिखे जिनमें उन्हें गठबंधन के लीडर के तौर पर पेश किया गया है। पोस्टर पर नीतीश कुमार की तस्वीरें हैं और लिखा है, ‘अगर सच में जीत चाहिए तो फिर… एक निश्चय चाहिए, एक नीतीश चाहिए।’
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली मीटिंग के दौरान गठबंधन के चेहरे पर भी फैसला लिया जा सकता है। सवाल है कि आखिर इंडिया अलायंस की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी या एनसीपी लीडर शरद पवार… में किसे आगे किया जाएगा? इससे पहले नीतीश कुमार के पोस्टरों ने अलग ही बहस छेड़ दी है। इससे तो यही संदेश जाता है कि नीतीश विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करना चाहते हैं, जबकि उन्होंने खुद यह बात बार-बार कही है कि उन्हें अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। मालूम हो कि गठबंधन के सामने अभी संयोजक, प्रवक्ता और सामान्य सचिवालय को लेकर आम सहमति बनाने की चुनौती है। इंडिया ब्लॉक के घटकों के बीच मतभेदों को देखते हुए यह पेचीदा मामला लगता है।
पांच राज्यों के हैरान करने वाले चुनावी नतीजों के बाद विपक्षी INDIA गठबंधन आज एक बार फिर जुटने जा रहा है. विपक्ष के इस महागठबंधन की दिल्ली में बैठक होने वाली है, जिसमें 28 सियासी दलों के प्रमुख और उनके नेता शामिल होंगे. बैठक से पहले बिहार की सत्ता में काबिज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने एक नई डिमांड कर दी है. वहीं, शिवसेना (UBT) ने भी नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए हैं.
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए. अगर ऐसा किया जाता है, तब ही फायदा होगा. इस डिमांड के पीछे की वजह बताते हुए धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि INDIA गठबंधन में सिर्फ नीतीश कुमार ही स्वच्छ छवि वाले नेता हैं. उनकी ही छवि ईमानदार वाली है.
शिवसेना (UBT) ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि INDIA गठबंधन का महत्व बढ़ाया जाना चाहिए. आज रथ में 28 घोड़े हैं, लेकिन रथ का कोई सारथी नहीं है, जिसके चलते रथ अटक गया है. सामना में आगे कहा गया है कि दिल्ली में सिर्फ इकट्ठा होना, दोपहर का भोजन करना और सबके हाथ पोंछकर घर चले जाने की व्यवस्था में अब सुधार होना चाहिए.
सामना की संपादकीय में आगे कहा गया कि ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत ही मध्य प्रदेश से हुई, लेकिन कांग्रेस की सबसे दारुण पराजय एमपी में ही हुई. तीनों राज्य ‘इंडिया’ ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने गंवाए. कांग्रेस जीत का ‘केक’ अकेले खाना चाहती थी. इसलिए मध्य प्रदेश में अखिलेश यादव को जानबूझकर दूर रखा गया. ऐसा कहा जाने लगा है कि जहां पर कांग्रेस के खुद के दम पर जीतने की संभावना पैदा होती है, वहां वह किसी को साथ लेने को तैयार नहीं होती. अपने अहंकार के साथ-साथ ‘इंडिया’ का भी नुकसान करती है.
बता दें कि दिल्ली में हो रही यह बैठक इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक है. इससे पहले पटना, बेंगलुरु और मुंबई में अलांयस की मीटिंग हो चुकी है. आज दिल्ली में अशोका होटल में बैठक दोपहर 3 बजे से शुरू होगी. इसमें 28 पार्टियों के प्रमुख और उनके नेता शामिल होंगे. बैठक के जरिए विपक्षी दलों को फिर से जोड़ने की कोशिश की जाएगी. मीटिंग से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जदयू नेता नीतीश कुमार, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच गए हैं. इसके अलावा सोमवार को नीतीश और ममता ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात भी की है.