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लगातार डेस्क पर बैठकर काम करते हैं तो हो जाइए सावधान

नई दिल्ली : कोरोना आया तो वर्क फ्रॉम ऑफिस का चलन तेजी से बढ़ा। लेकिन इस महामारी का प्रकोप कम होने के बाद अब फिर से ऑफिस कल्चर शुरू हो चुका है। जिन लोगों को घर से काम करना बोरिंग लग रहा था उनके लिए राहत है कि दफ्तरों में अब पहले जैसी रौनक लौट आई है। पर अगर आप नियमित ऑफिस जाते हैं और लगातार डेस्क पर काम करते हैं तो हो जाइए सावधान, क्योंकि ताजा रिसर्च के मुताबिक ऐसी व्यस्तता आपके लिए काफी खतरनाक हो सकती है। आइए नीचे जानते हैं रिसर्च में क्या हुआ खुलासा…

चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज और पेकिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज की एक रिसर्च बेहद चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक, जो कर्मचारी दिन में आठ घंटे से ज्यादा अपने डेस्क पर बैठ कर काम करते हैं, उनमें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की आशंका 20 प्रतिशत ज्यादा होती है। सर्वे के दौरान रिसर्चर्स की टीम ने 11 सालों में 21 देशों के एक लाख से भी अधिक कर्मचारियों पर शोध किया। इसमें पाया गया कि इनमें से 6,200 लोगों की मौत हो चुकी थी। इनमें 2,300 लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई जबकि स्ट्रोक से 3 हजार और हार्ट फेल से 700 लोगों की जान चली गई।

दुनिया में दिल की बीमारी से मरने वालों में सबसे ज्यादा 60 फीसदी हिस्सा भारत का है। बीते कुछ दशकों में भारत में दिल की बीमारी से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हाई ब्ल्ड प्रेशर, इस्केमिक और रक्त की धमनियों से संबंधित बीमारियों से हमारे देश में बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती है। लोग भारत इसके प्रकोप से भारत भी नहीं बचा हुआ है। ज्यादातर लोगों को तो पता ही नहीं चलता कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है और जब तक बीमारी का पता चलता है तब तक मरीज की जान जा चुकी होती है। इसीलिए इस जानलेवा बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

लगातार कई घंटों तक डेस्क पर बैठकर काम करते रहने से कई तरह की मुश्किल हो सकती है। इससे कर्मचारी के पॉश्चर, मेंटल हेल्थ और तनाव का स्तर भी प्रभावित होता है। इसके अलावा मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल और ऑस्टियो आर्थराइटिस जैसी गंभीर परेशानी हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक लंबे समय तक बैठने के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी कम होने के चलते करीब 8.8 फीसदी मौत के मामले और 5.8 प्रतिशत दिल की बीमारी के मामले मामले सामने आए हैं।

डॉक्टरों की मानें तो इस जानलेवा खतरे से बचने का सबसे बेहतर उपाय तो यही है कि कर्मचारियों को डेस्क पर ज्यादा देर तक लगातार काम करने से बचना चाहिए। कोशिश करें कि काम करने के दौरान नियमित रूप से ब्रेक लेते रहें। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाना चाहिए और स्मोकिंग जैसी आदत से तौबा कर लेनी चाहिए। इसके अलावा तनाव से दूर रहना और खान-पान पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर लगातार काम करना जरूरी है तो बीच-बीच में शरीर को थोड़ा बहुत मूवमेंट देते रहना चाहिए।

डेस्क पर काम करने के दौरान खड़े होकर या बैठकर अपने सिर को बारी-बारी से बाईं और दाईं ओर झुकाते रहना चाहिए। इससे कंधे और गर्दन में जकड़न नहीं होगी और दिमाग में रक्त का प्रवाह भी बना रहेगा। बेहतर यह होगा कि आप कुर्सी के किनारे को पकड़कर नेक स्ट्रेच का अभ्यास करें। इसके लिए अपने कंधों को ऊपर उठाकर कुछ सेकंड बाद कंधों को वापस नीचे लाएं। पांच से दस बार ऐसा करने पर शरीर का तनाव दूर होगा। इसके अलावा कंधों को आगे-पीछे घुमाने से भी फायदा होता है।

अगर आपका ज्यादातर काम कंप्यूटर या लैपटॉप पर होता है तो सबसे ज्यादा तनाव हाथ और उंगलियों में हो सकता है। इससे निपटने का तरीका यह है कि थोड़ी-थोड़ी देर तक काम करने के बाद उंगलियों को आपस में मिला लें और अपनी बाहों को छत की ओर फैलाएं। ऐसा करते समय गहरी सांस लें और बाजुओं को नीचे लाएं फिर सांस छोड़ें।

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