18 वो उम्र होती है, जिसमें बच्चे स्कूल से पास होकर कॉलेज लाइफ में एंटर करते हैं। रूल्स से बंधे संसार के बाद उन्हें अचानक कई चीजों का एक्सपोजर मिलता है। ये उन्हें अपने करियर से लेकर सेल्फ केयर तक पर ज्यादा ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करता है। आज मॉर्डन होते जमाने में वैसे तो बच्चे पहले से ही इसे लेकर तैयार से दिखने लगते हैं, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें एक मां को अपनी बेटी को जरूर सिखाना चाहिए, क्योंकि इस ऐज में वह अगर इन्हें अपनी पर्सनैलिटी और दिनचर्या का हिस्सा बना लेगी, तो आगे चलकर उसे इसका काफी फायदा पहुंचेगा। इंटरनेट पर गलत जानकारी मिलने पर वह कुछ और ट्राई करें, इससे बेहतर है कि पैरंट्स ही अपनी बड़ी होती बेटी को ये चीजें सिखाएं।
दरअसल, ये वो चीजें हैं, जो ब्यूटी और हाइजीन से जुड़ी हुई हैं और इनके बारे में हर लड़की को जरूर पता होना चाहिए। ऐसा होने पर वह न सिर्फ खुद को पहले से पैम्पर करना शुरू कर सकेंगी, बल्कि इस रूटीन की अहमियत भी समझेंगीं। हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जो सभी बेटियों को ब्यूटी केयर के ऐंगल से जरूर सिखाई और समझाई जानी चाहिए।
मेकअप टिप्स
अब वो जमाने गए, जब लड़कियों को मेकअप के बारे में कुछ नहीं पता होता था। अब तो ये सब बहुत ही नॉर्मल हो चुका है और कॉलेज में भी लड़कियां कपड़ों के साथ ही Latest Makeup Trends के मुताबिक, लाइट मेकअप करके जाना पसंद करती हैं। ऐसे में आपको अपनी बेटी को पहले से ही कुछ हिदायतें दे देनी चाहिए।
उदाहरण के लिए चीप मेकअप प्रॉडक्ट्स न खरीदना, एक्सपारिंग डेट का ख्याल रखना, वो लगाना जो स्किन को सूट करे, मौके के अनुसार बेस या अन्य चीजों का चुनाव करना और सबसे बड़ी बात ये कि वह बिना मेकअप के भी खूबसूरत है। वह मेकअप ट्रेंड का हिस्सा बनना चाहती है या नहीं, ये पूरी तरह से उस पर निर्भर करता है और अगर वह इसका पार्ट न भी बने तो इसमें कुछ गलत नहीं।
स्किनकेयर
स्किन एक्सपर्ट्स की मानें, तो 20s वो ऐज होती है, जिसमें त्वचा का अगर सही से ख्याल रखा जाए, तो इसका फायदा 30s और 40s तक में देखने को मिलता है। ऐसे में आप धीरे-धीरे अपनी बेटी के ब्यूटी रूटीन को बनाना शुरू करें और उसे चेहरा वॉश, एक्सफॉलिएट और मॉइस्चराइज करने के लिए प्रोत्साहित करें। उसके रूटीन में सनस्क्रीन ऐड करना न भूलें। ये उसकी त्वचा को धूप से प्रटेक्ट करेगा, जिससे 30 की उम्र में सन डैमेज्ड स्किन पर उभरकर आने वाले एजिंग के साइन दूर रहेंगे। होममेड फेसमास्क भी बेटी की त्वचा के लिए अच्छे रहेंगे, जिन्हें आप उसकी स्किनटाइप के अनुसार खुद तैयार करके दे सकती ह
हेयर रिमूवल और हाइजीन
वैक्सिंग, थ्रेडिंग, शेविंग ये ऐसे तरीके हैं, जो बॉडी हेयर को रिमूव करने में मदद करते हैं। बेटी को जब इन तरीकों के बारे में बताएं, तो इनके बारे में पूरी जानकारी दें। उदाहरण के लिए वैक्सिंग से उठने वाले दाने, शेविंग ब्लेड्स के साफ न होने पर बैक्टीरियल इंफेक्शन और थ्रेडिंग से होने वाली सूजन। उन्हें इन मेथड्स से जुड़े हाइजीन के पक्ष को अच्छे से समझाएं, ताकि वो इससे हो सकने वाले इंफेक्शन से बचे रहें। इसका ख्याल रखना तब और जरूरी हो जाता है, जब इन तरीकों का इस्तेमाल प्राइवेट पार्ट के आसपास किया जाता है।
प्राइवेट पार्ट हाइजीन
प्राइवेट पार्ट के हाइजीन के बारे में जितना समझाया जाए उतना कम है। उसे कॉटन मेड अंडरगार्मेंट्स पहनने के लिए प्रोत्साहित करें, जो पसीना सोखने में मदद कर स्किन को ड्राई रखने में मदद करता है और इंफेक्शन की आशंका को कम करता है। साथ ही में ये फ्रिक्शन भी कम पैदा करता है, जिससे रगड़ से होने वाले रैशेज दूर रहते हैं। उसे ऐसे प्रॉडक्ट्स के बारे में बताएं, जो खासतौर पर प्राइवेट पार्ट वॉश के लिए बने होते हैं। हालांकि, इस मामले में पहले डॉक्टर से कन्सल्ट करें तो बेहतर है। पीरियड्स के दौरान कैसे एक्स्ट्रा केयर रखी जाए, ये भी उसे बताने से हिचकिचाएं ना।
हेयर केयर
कॉलेज में आने के बाद लड़कियां न सिर्फ नई हेयर स्टाइल ट्राई करना पसंद करती हैं, बल्कि वह स्टाइलिंग के लिए कई प्रॉडक्ट्स का भी यूज करती हैं। ऐसे में आपका उन्हें फिल्टर करना जरूरी हो जाता है। अगर वे बालों को ज्यादा डैमेज कर लेंगी, तो उनके लिए ये आगे चलकर गंभीर Hair Fall का कारण बन सकता है। केमिकल बेस्ड की जगह उनके हेयर केयर रूटीन में होममेड या फिर प्राकृतिक चीजों से तैयार प्रॉडक्ट्स को शामिल करें। उसे अभी ये अगर बालों का ख्याल रखना सिखाएंगी, तो ये हमेशा उन्हें अपने हेयर को हेल्दी बनाए रखने में मदद करेगा।