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आंखों में दिखते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के ये लक्षण, इग्‍नोर करने पर जा सकती है आंखों की रोशनी!

नई दिल्ली : कोलेस्ट्रॉल शरीर में बनने वाला एक वैक्स जैसा पदार्थ होता है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल. बैड कोलेस्ट्रॉल को काफी खराब माना जाता है. आर्टरीज (Arteries) में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से ये सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड फ्लो भी रुक जाता है जिससे हार्ट अटैक (heart attack) और स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.

शरीर में प्राकृतिक रूप से बनने वाले कोलेस्ट्रॉल को खतरनाक नहीं माना जाता लेकिन जब इसकी मात्रा काफी ज्यादा हो जाती है तो इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. शुगर और सैचुरेटेड फैट से भरी चीजों से भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है.

शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा होने पर सिर्फ हार्ट अटैक और स्ट्रोक ही नहीं आता बल्कि इसके कारण आंखों पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने पर आंखों के आसपास कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं. इसके कारण आंखों का कलर, देखने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है. तो अगर आप चाहते हैं कि आपकी आंखें हमेशा स्वस्थ रहें तो उसके लिए जानते हैं आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

जैंथिलास्मा हाई कोलेस्ट्रॉल का सबसे कॉमन लक्षण माना जाता है, इसके कारण आंखों और नाक के आसपास की स्किन पीली पड़ने लगती है. इससे आपकी दृष्टि पर कोई प्रभाव नही पड़ता. इस समस्या का सामना सबसे ज्यादा उन लोगों को करना पड़ता है जो स्मोकिंग करते हैं या जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे की समस्या है.

इस समस्या को आंखों के ऊपर कोलेस्ट्रॉल जमा होना भी कहा जाता है. यह कोलेस्ट्रॉल आंखों की पलकों के ऊपर और निचले हिस्से पर दिखाई दे सकता है. आंखों के आस-पास एक साथ कई कोलेस्ट्रॉल के दानें नजर आते हैं.

आर्कस सेनिलिस या कॉर्नियल आर्कस एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी आंखों में कॉर्निया के चारों ओर नीले या भूरे रंग का एक रंगीन छल्ला विकसित हो जाता है. यह कॉर्निया में कोलेस्ट्रॉल के जमाव के कारण होता है और मुख्य रूप से मध्यम उम्र के लोगों में होता है. आंखों के आसपास जमा कोलेस्ट्रॉल को सर्जरी से हटाकर इसका इलाज किया जा सकता है.

रेटिनल वेन ऑक्लूजन एक ऐसी बीमारी है जिसका सीधा संबंध हाई कोलेस्ट्रॉल से होता है. यह आमतौर पर ग्लूकोमा, डायबिटीज, वैस्कुलर डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड डिसऑर्डर के साथ होता है. इस बीमारी के कारण रेटिना तक खून ले जाने वाली रक्त कोशिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं. रेटिना एक लाइट सेंसेटिव ऊतक है जो आपकी आंख के पीछे स्थित होता है जिसे रेटिना धमनी और रेटिना नस के माध्यम से खून मिलता है.

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