लखनऊ: कोरोनावायरस के घातक प्रकोप ने हजारों घरों को उजाड़ दिया और इसकी दूसरी लहर ने लोगों के जीवन को तबाह कर दिया. लगातार कहा जाता रहा है कि यह कोरोना आम और खास लोगों के बीच अंतर नहीं करता है. शुरुआत से ही कोरोना से लड़ने के लिए डॉक्टर आगे खड़े रहे और उन्होंने इस कोरोना को हराने के लिए हर संभव कोशिश की. इस बीच वे भी इसके शिकार हुए हैं. कोविड की दूसरी लहर में अब तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों राज्यों यानि तेलगू भाषी प्रदेशों में 66 डॉक्टरों की मौत हुई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में अब तक इस बीमारी से 624 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है. डॉक्टरों की अधिकांश मौतों को महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. संगठन ने कहा कि आंध्र प्रदेश में 34 और तेलंगाना में 32 डॉक्टरों ने इस अवधि में अपनी जान गंवाई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को इस संबंध में आंकड़े जारी किए.
आईएमए मे कहा कि दूसरी लहर ने दिल्ली में सबसे ज्यादा डॉक्टरों की जान ली, जहां 109 डॉक्टरों की मौत हुई है. दूसरे स्थान पर बिहार है, जहां 96 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हुई है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 79, राजस्थान में 43, झारखंड में 39 गुजरात में 31 और पश्चिम बंगाल में 30 चिकित्सकों की जान गई. आईएमए ने अनुमान लगाया कि कोविड-19 की पहली लहर में देश भर में 748 डॉक्टरों की मौत हुई थी.