उत्तराखंड

IMA ब्लड बैंक की एक‌ गलती से मिली जिंदगी भर की ‘सजा’

death-562d9736676d4_exlstदस्तक टाइम्स/एजेंसी -उत्तराखंड: बच्ची को जन्म देने के बाद दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाए जाने से राजधानी देहरादून में एक महिला की मौत हो गई। महिला के परिजनों ने आईएमए ब्लड बैंक पर दूसरे ग्रुप का खून देने का आरोप लगाया है।

हालांकि ब्लड बैंक के अधिकारियों ने आरोपों का खंडन किया है। कहा कि प्राप्त सैंपल के आधार पर ही खून दिया गया है। महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर आईएमए ब्लड बैंक के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने ब्लड बैंक में तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया। परिजनों ने कैंट थाने में आईएमए ब्लड बैंक के खिलाफ दूसरे ग्रुप का खून देने की तहरीर दी है।

बंजारावाला निवासी गर्भवती महिला अनु बिष्ट (30) को 23 अक्तूबर को मोथरोवाला के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया। अनू में खून की कमी और सर्जरी की आशंका को देखते हुए क्लीनिक के डॉ. पंकज ने परिजनों से खून की व्यवस्था करने को कहा।

शाम करीब साढ़े आठ बजे महिला का पति मनोज बिष्ट खून का सैंपल लेकर आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे। रात करीब साढ़े बारह बजे उन्हें खून मिल गया। 24 अक्तूबर की सुबह करीब सात बजे महिला ने बच्ची को जन्म दिया। करीब एक घंटे बाद महिला को खून चढ़ाया गया।

अनु के पति मनोज बिष्ट का आरोप है कि दोपहर करीब 12 बजे ब्लड बैंक से उन्हें फोन आया कि खून किसी को मत चढ़ाना। इससे मरीज को रिएक्शन हो सकता है, क्योंकि दूसरे ग्रुप का खून दे दिया गया है। खून वापस ले आएं। यह सुनते ही मनोज ने तुरंत डॉक्टर पंकज को जानकारी दी। तब तक महिला को पूरा खून चढ़ चुका था।

 

आरोप है कि इससे महिला को रिएक्शन होने लगा और तबियत बिगड़ने लगी। डॉक्टर ने महिला के खून का सैंपल जांच के लिए भेजा तो पता चला कि ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है, जबकि महिला को जो खून चढ़ाया गया वह बी पॉजिटिव था। डॉक्टर ने महिला का तुरंत उपचार शुरू किया। हालत बिगड़ने पर महिला को सीएमआई अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई।

महिला की मौत के बाद कोरोनेशन अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया। यहां से परिजन शव लेकर आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। परिजनों ने जमकर हंगामा और विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने ब्लड बैंक का दरवाजा तोड़ दिया।

कैंट विधायक हरबंस कपूर, व्यापारी नेता उमेश अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाया। एसपी सिटी अजय सिंह ने बताया कि ब्लड बैंक और अस्पताल से खून के सैंपल कब्जे में ले लिए गए हैं। ब्लड बैंक के रिकॉर्ड भी कब्जे में लिए गए हैं। उन्होंने तुरंत मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजन शांत हुए।

दूसरी ओर, आईएमए ब्लड बैंक के निदेशक डॉ. संजय उप्रेती ने कहा कि उन्हें जिस ग्रुप का ब्लड मिला, उसी ग्रुप का खून मरीज को दिया है। कहा कि खून ब्लड बैंक से ले जाने के सात घंटे बाद चढ़ाया गया। इस अवधि में खून को सुरक्षित रखा गया या नहीं यह भी देखना होगा। कहा कि अगर दूसरे ग्रुप का खून होता तो चढ़ाते वक्त ही रिएक्शन हो जाता, जबकि इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।

महिला के पति मनोज की तहरीर पर कैंट थाना पुलिस ने आईएमए ब्लड बैंक और मेटरनिटी एंड सर्जिकल सेंटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मनोज ने ब्लड बैंक पर गलत ग्रुप का खून देने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया है कि ब्लड बैंक की इस गलती की वजह से उनकी पत्नी की मौत हुई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

महिला के परिजनों ने युवाओं को फटकारा

महिला की मौत के बाद आईएमए ब्लड बैंक के बाहर प्रदर्शन कर रहे परिजनों के साथ वहां बड़ी संख्या में अन्य लोग भी पहुंचे। इनमें बड़ी संख्या में शामिल युवा बार-बार पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते रहे। परिजनों व अन्य लोगों को उकसाने का प्रयास भी करते रहे।

कैंट विधायक हरबंस कपूर के पहुंचने पर उन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया तो युवा भड़क उठे। उन्होंने विधायक और उनके समर्थकों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर महिला के परिजनों ने युवाओं को फटकार लगाई। कहा कि किसी की मौत के मामले में राजनीति करने वालों को शर्म आनी चाहिए। इसके बाद युवा किनारे खड़े हो गए।

बेटी को समझाते हुए सुबक उठे पिता
पापा-पापा आप रो क्यों रहे हो? आपको किसी ने मारा है? बताओ न पापा मेरी मां कहां गई? मृतका अनु की दो साल की बेटी सृष्टि ने जब पिता मनोज की आंखों से आंसू पोंछते हुए यह सवाल पूछे तो मौके पर मौजूद हर शख्स भावुक हो उठा। पिता ने बेटी को गोद में उठाते हुए कहा कि बेटा इन लोगों ने मुझे और तुम्हें, दोनों को मारा है। वह बार-बार बेटी को दिलासा देते। हालांकि, इस दौरान खुद की भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते और सुबकने लगते।

रविवार सुबह मनोज के लिए बेहद मनहूस साबित हुई। शनिवार सुबह जहां दूसरी बेटी के जन्म की खुशी से परिवार फूला नहीं समां रहा था, वहीं रविवार को मातम छा गया। मूल रूप से अल्मोड़ा निवासी मनोज ने बताया कि उनका परिवार कई साल पहले दून आ गया था। वे टैक्सी चलाते हैं।

अनु और उनकी शादी के दो साल बाद पहली बेटी सृष्टि का जन्म हुआ। कुछ समय पूर्व अनु के दोबारा गर्भवती होने की खबर मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शुक्रवार को उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बाद से मोहन लगातार उसके साथ ही थे। अनु की मौत के बाद मनोज खुद को संभालने की कोशिश करते रहे, लेकिन भावनाएं बार-बार आंखों से बह जाती।

खुद को संभालने के साथ ही वह बीच-बीच में नन्हीं सृष्टि को गोद में उठाते, पुचकारते हुए उसे ढांढस बंधाते। उनकी आंखों के आंसू सुबह से रो-रोकर सूख चुके हैं। बार-बार पत्नी के शव के पास जाकर बैठते दुलारते हुए सृष्टि से पूछते कि वह छोटी बच्ची का ध्यान रखेगी कि नहीं। उसे दूध पिलाएगी कि नहीं। यह देखकर आसपास बैठी महिलाएं सुबकने लगती।

 

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