देहरादून ( विवेक ओझा) : महिला कल्याण और सशक्तीकरण की राह किसी भी देश , समाज , राज्य को जेंडर जस्टिस की तरफ ले जाती है जो आज दुनिया के सबसे बड़े लक्ष्यों में से एक है। इसी लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ते हुए धामी सरकार ने महिला सारथी योजना की शुरुआत की है। ये योजना महिलाओं के लिए स्वरोजगार के लिए है। धामी सरकार इस समय स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दे रही है क्योंकि यह लोगों की आर्थिक मजबूती का प्रभावी माध्यम है ।
क्या है महिला सारथी योजना:
इसके तहत राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर महिला-बालिकाओं के स्वरोजगार के लिए सरकार 50 फीसदी अनुदान (सब्सिडी) पर बाइक, स्कूटी, ऑटो और कार देगी और शेष 50 फीसदी का ऋण दिया जाएगा। महिला सारथी योजना के तहत पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले से योजना की शुरूआत होगी। परिवहन विभाग इस तरह की महिला-बालिकाओं को वाहन चलाने का मुफ्त प्रशिक्षण और लाइसेंस देगा।
महिला सारथी योजना के वित्त पोषण का इंतजाम:
उत्तराखंड की इस महिला सारथी योजना का केंद्र सरकार की ओर से निर्भया फंड से वित्त पोषण किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य ने इसकी पुष्टि की है। मुख्यमंत्री धामी के विजन 2025 के लिए विभाग की ओर से इस नवाचारी योजना का प्रस्ताव है। इससे जहां एक और महिला-किशोरियों में सुरक्षा का भाव पैदा होगा। वहीं दूसरी ओर वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।
महिला सारथी योजना के तहत शुरुआत में चार जिलों में 200 महिलाओं को इस योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, योजना को लेकर विभाग की तीन बैठकें हो चुकी हैं. दो जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी इस मसले पर अधिकारियों ने जानकारी दी थी, पहले चरण के बाद योजना को अन्य जिलों में भी शुरू किया जाएगा।