विदेशों में तेजी आने के बीच बीते सप्ताह खाद्य तेल तिलहन कीमतों में सुधार, मूंगफली पर कोई असर नहीं
नई दिल्ली: विदेशों में बीते पूरे सप्ताह तेजी रहने और सोयाबीन तेल के दाम में सुधार होने के बीच तेल तिलहन बाजार में अधिकांश खाद्यतेल तिलहनों के थोक भाव में सुधार दर्ज हुआ, जबकि माल की कमी और कारोबार कमजोर रहने के बीच मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
बाजार सूत्रों ने कहा कि बीत पूरे सप्ताह के दौरान मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में तेजी रही और सोयाबीन तेल का दाम 1,000-1,010 डॉलर से बढ़कर 1,080-1,090 डॉलर प्रति टन हो गया। यानी सोयाबीन तेल के दाम में सात रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि का असर सभी तेल तिलहन कीमतों पर हुआ और समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों, सोयाबीन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें लाभ दर्शाती बंद हुई।
कारोबारियों ने बताया कि देश में मूंगफली और बिनौला के गुणवत्ता वाले तिलहन की कमी है और मंडियों में आवके काफी कम हैं। ऐसे में इस कमी को आयातित सूरजमुखी और सोयाबीन तेल ही पूरा कर सकता है। देश में सूरजमुखी तेल की चौतरफा मांग बढ़ी है।
आयात भाव के मुकाबले बंदरगाहों पर सोयाबीन तेल लगभग पांच रुपये किलो कम भाव पर बिक रहा है और सूरजमुखी तेल 3-4 रुपये किलो नीचे दाम पर बिक रहा है। इस घाटे के कारण बैंकों का ऋणसाख पत्र घुमाने वाले आयातक पामोलीन की ओर अपना रुख कर रहे हैं जिसके आायात में लगभग एक रुपये किलो का नुकसान है। इस स्थिति को देखते हुए देश में ‘साफ्ट आयल’ (नरम तेल) के आवक के कमी की आशंका पैदा हुई है और इस स्थिति को देखते हुए देश के प्रमुख खाद्यतेल संगठनों को विदेशों में ‘साफ्ट आयल’ (नरम तेल) के लदान का विवरण देना चाहिये कि जुलाई अगस्त में कितनी मात्रा में नरम तेलों की लदान हुई है।
देश में त्यौहारों के मौसम नजदीक है और इस दौरान विशेषकर सोयाबीन तेल के लदान की ओर निगाह रखने की आवश्यकता है क्योंकि इसे आने में दो से ढाई महीने लग जाते हैं जबकि पाम एवं पामोलीन आने में 10-15 दिन लगते हैं।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली और बिनौला दोनों की आवक लगभग नगण्य है और अगली फसल आने पर ही इनकी उपलब्धता में सुधार होगा। कमजोर कारोबार के बीच जहां मूंगफली तेल तिलहन के दाम समीक्षाधीन सपताहांत में पूर्व सप्ताहांत के स्तर पर बने रहे वहीं कमजोर कारोबार के बीच बिनौला तेल कीमतों में मामूली सुधार आया। सूत्रों ने कहा कि सरकार को एक पुख्ता इंतजाम करते हुए बड़े पैकरों द्वारा एमआरपी का समय समय पर विवरण किसी एक ‘पोटर्ल’ पर डालना अनिवार्य करना होगा तथा एमआरपी निर्धारण का कोई ठोस तरीका विकसित करना होगा जो सभी पैकरों पर लागू हो।
उन्होंने कहा कि बंदरगाहों पर आयात लागत के मुकाबले सूरजमुखी तेल थोक में सस्ते दाम यानी 81-82 रुपये लीटर बिक रहा है लेकिन ऊंचे एमआरपी के कारण ग्राहकों को यही तेल 140-145 रुपये लीटर (910 ग्राम) खरीदना पड़ रहा है। इसी प्रकार सरसों तेल का दाम 120-125 रुपये लीटर से अधिक नहीं होना चाहिये पर यही तेल लगभग 150 रुपये लीटर के भाव बिक रहा है। सूत्रों ने कहा कि सप्ताह के दौरान मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत रहने के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन के भाव में भी मजबूती रही। जबकि सोयाबीन के विदेशों में दाम बढ़ने से सोयाबीन तेल तिलहन में भी सुधार है।
सूत्रों ने कहा कि खरीफ बुवाई के दौरान विशेषकर तिल, कपास, मूंगफली, बिनौला और सूरजमुखी के खेती के रकबे में आई कमी कोई अच्छा संकेत नहीं है जबकि आबादी बढ़ने के साथ हर साल खाद्यतेलों की मांग लगभग 10 प्रतिशत सालाना बढ़ रही है। पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 85 रुपये के सुधार के साथ 5,685-5,735 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 300 रुपये मजबूत होकर 10,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 45-45 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 1,790-1,885 रुपये और 1,790-1,900 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव 40-40 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 5,090-5,185 रुपये प्रति क्विंटल और 4,855-4,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के भाव भी क्रमश: 180 रुपये, 180 रुपये और 150 रुपये बढ़कर क्रमश: 10,400 रुपये, 10,200 रुपये और 8,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। दूसरी ओर, माल की कमी और सुस्त कारोबार के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन, मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव क्रमश: 7,865-7,915 रुपये, 18,850 रुपये और 2,735-3,020 रुपये प्रति टिन पर अपरिवर्तित बंद हुए।
विदेशी बाजारों, विशेषकर मलेशिया एक्सचेंज में पूरे समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान तेजी रहने के कारण कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 200 रुपये सुधार के साथ 8,225 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 200 रुपये बढ़कर 9,450 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला का भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में 225 रुपये बढ़कर 8,525 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। माल की कमी और सुस्त कारोबार के बीच सुधार के आम रुख के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल का भाव 50 रुपये के मामूली सुधार के साथ 9,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।