अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान खान को आठ दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया
इस्लामाबाद. पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आठ दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की रिमांड में भेज दिया, जबकि यहां एक सत्र अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार के एक अलग मामले में आरोपित किया। ब्यूरो के आदेश पर मंगलवार को अर्द्धसैनिक बल ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक कक्ष में घुस कर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया था।
बुधवार को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच खान (70) को यहां जवाबदेही अदालत संख्या-1 में उसी न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरयम को लंदन में संपत्ति रखने से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी करार दिया था। मरयम को बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले में आरोपमुक्त कर दिया, जबकि शरीफ का मामला अब भी लंबित है।
सुनवाई की शुरुआत में, ब्यूरो के वकीलों ने अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े मामले में उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 14 दिन की रिमांड में देने का अदालत से अनुरोध किया। उन पर सरकारी खजाने से 50 अरब पाकिस्तानी रुपये की लूट-खसोट करने का आरोप है। खान के वकील ने हालांकि याचिका का विरोध किया और आरोपों को गढ़ा हुआ बताते हुए उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया। मामले में खान को गिरफ्तार किये जाने के बाद से उनके समर्थक देशव्यापी प्रदर्शन कर रहे हैं।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुरुआत में फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में, फैसले की घोषणा करते हुए, जवाबदेही अदालत ने खान को आठ दिन के लिए ब्यूरो की रिमांड में भेज दिया। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, खान ने अपने बयान में अदालत को बताया कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान, मैं शौचालय नहीं जा सका हूं।”
पूर्व प्रधानमंत्री ने अदालत से अनुरोध किया कि उनके डॉक्टर फैसल सुल्तान को उनसे मिलने की अनुमति दी जाए। खान ने कहा, ‘‘मुझे डर है कि मेरा भी मकसूद चपरासी जैसा हश्र किया जाएगा।”
उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के धन शोधन मामले के एक गवाह का जिक्र करते हुए यह कहा। पिछले साल दिल का दौरा पड़ने से मकसूद की मौत हो गई थी। खान की पार्टी ने गवाह की मौत को ‘रहस्यमय’ बताया था। खान को जिला एवं सत्र अदालत में भी पेश किया गया, जहां न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में आरोपित किया। खान, प्रधानमंत्री रहने के दौरान तोशाखाना से एक महंगी घड़ी सहित अन्य तोहफे खरीदने और लाभ हासिल करने के लिए उन्हें बेचने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
तोशाखाना की स्थापना 1974 में की गई थी। यह विभाग कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों के शासनाध्यक्षों तथा विदेशी गणमान्य लोगों से मिले महंगे तोहफे तोशाखाना में रखे जाते हैं। यह मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने दायर किया था और खान पिछले महीनों में कई सुनवाई में पेश नहीं हुए थे। इस बीच, बुधवार को खान की पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने संबंधी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मंगलवार के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका अर्जी दायर की।
डान अखबार की खबर के मुताबिक, ‘‘अधिवक्ता अली जफर और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एक उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दायर की है।” उच्च न्यायालय ने मंगलवार रात, खान की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी के लिए ब्यूरो ने सभी कानूनी औ़पचारिकताएं पूरी की।
इस्लामाबाद के सेक्टर एच-11/1 इलाके में स्थित पुलिस लाइन मुख्यालय परिसर के न्यू पुलिस गेस्ट हाउस को इमरान के खिलाफ दो मामलों की सुनवाई के मकसद से विशेष अदालत परिसर घोषित किया गया था। सूत्रों के हवाले से जियो न्यूज की खबर में कहा गया है कि ब्यूरो को सौंपी गई एक मेडिकल रिपोर्ट से प्रदर्शित होता है कि खान को स्वस्थ घोषित किया गया है और उन्होंने उनकी जांच करने वाले चिकित्सकों से स्वास्थ्य संबंधी कोई शिकायत नहीं की है।
सुनवाई स्थल पर इमरान की पार्टी के किसी नेता, कार्यकर्ता या समर्थक को प्रवेश नहीं करने दिया गया और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री से नहीं मिलने दिया गया। जिन लोगों को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई उनमें पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी और महासचिव असद उमर भी शामिल हैं। इसके बाद, वे दोनों पुलिस के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय गये। हालांकि, कोई कानूनी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इस्लामाबाद पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते ने उमर को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि खान की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी के प्रदर्शनों में हिंसा को लेकर पुलिस ने उनके (उमर के) खिलाफ दो नये मामले दर्ज किये हैं।
कुरैशी ने एक वीडियो संदेश में पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं से देशभर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की। इस बीच, संघीय सरकार ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए पंजाब में सेना तैनात करने का फैसला किया है।
प्रांत के कई शहरों में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन हुए थे। पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने कहा है कि पूरे देश में इंटरनेट सेवा निलंबित रहेगी। पेशावर में, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों पर हमले दूसरे दिन भी जारी रहे। पेशावर छावनी और कोर मुख्यालय को जाने वाली सड़कें सील कर दी गई हैं।