अन्तर्राष्ट्रीय

UNGA में कश्मीर और गिलानी का जिक्र कर बुड़े फसे इमरान खान, अब भारत से लताड़ खाने को तैयार रहे पाक

नई दिल्ली : पाकिस्तान के बड़बोले प्रधानमंत्री इमरान खान अपने बेतुके बयानों के पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। अपने बेतुके बयान को लेकर इमरान खान अक्सर बुड़ी तरह से फस जाते हैं और उनको दुनियाभर के देशों से लताड़ खानी पड़ती है। इमरान खान ने ऐसा बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को संबोधित किया और इसमें उन्होंने ठीक वैसा ही किया, जिसकी उम्मीद थी। संयुक्त राष्ट्र के मंच का इमरान खान ने एकबार फिर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने के लिए इस्तेमाल किया और कश्मीर का राग अलापा। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह सार्थक रूप से जुड़े।

इस दौरान इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया। इमरान खान ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है। शांति स्थापित करने का ठिकरा भारत पर फोड़ते हुए उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान के साथ सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है।

साथ ही इमरान खान ने पाकिस्तान समर्थक अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत का भी जिक्र किया और कहा कि गिलानी के परिजनों के साथ अन्याय हुआ। इमरान ने कहा कि गिलानी के परिवार ने कहा है कि कश्मीर में अलगाववादी नेता को उचित इस्लामिक तरीके से दफनाने से इनकार करते हुए भारतीय अधिकारियों ने उनके शव को ले लिया और उन्हें उनकी सहमति के बिना दफन कर दिया। मैं इस असेंबली से मांग करता हूं कि गिलानी के परिवार को उनका अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की मंजूरी दी जाए।

इमरान खान ने कश्मीर का राग अलाप कर और सैयद अली शाह गिलानी का मुद्दा उठाकर बड़ी गलती कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क में है। जब वह सत्र को संबोधित करेंगे तो पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासभा में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संदर्भों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत राइट टू रिप्लाई के अपने अधिकार का उपयोग करेगा।

भारतीय डिप्लोमेट स्नेहा दुबे ने कहा है कि पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा से भारत के अभिन्न हिस्से हैं और रहेंगे। इनमें पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से भी शामिल हैं। पाकिस्तान को इन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश जानते हैं कि पाकिस्तान का इतिहास आतंकियों को पालने और उनकी मदद करने का रहा है, यह पाक की नीति में शामिल है। ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ झूठ फैलाने और दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए किया है, जबकि पाकिस्तान में आतंकी खुलेआम घूमते हैं।

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