उत्तर प्रदेशराज्य

76% हादसों में वाहन चालकों ने अपनी गलती से गंवाई जान, रोड सेफ्टी सेल की रिपोर्ट में खुलासा

यूपी : यूपी में एक साल में हुए सड़क हादसों में 76 फीसदी लोगों की मौत की वजह उनकी गलती ही रही है। यह खुलासा बीते साल प्रदेश में हुए सड़क हादसों में मौतों की रिपोर्ट में हुआ है। परिवहन विभाग रोड सेफ्टी सेल ने अपनी रिपोर्ट में आंकड़ों के साथ सड़क हादसों में हुई मौतों की पांच बड़ी वजहें बताई हैं।

परिवहन विभाग, पुलिस विभाग और ट्रैफिक विभाग की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से दिसंबर 2022 के बीच प्रदेश में 41,746 सड़क हादसे हुए। इसमें 22,595 लोगों की जान गई, इनमें 17,225 मौतें वाहन चालकों की पांच गलतियों से हुईं। इन आंकड़ों पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट में दावा है कि इन हादसों में 2400 राहगीर भी चपेट में आ गए, जिनका कोई कसूर नहीं था। इनसे वाहन टकरा गए या किन्हीं कारणों से चपेट में आ गए।

इन वजहों से इतने लोगों ने जान गंवाई

  • तेज रफ्तार में वाहन चलाने पर : 9297
  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने पर : 2186
  • गलत दिशा में गाड़ी चलाने पर : 2580
  • यातायात सिग्नल उल्लंघन : 917
  • वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात : 2245
  • कई अन्य कारणों से हुए हादसों में : 5370

बढ़ते सड़क हादसे के बीच बचाव के उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि वर्ष 2020 तक 50 फीसदी सड़क हादसे कम करने का लक्ष्य सिर्फ कागजों तक सीमित रहा। ऐसे में जिम्मेदारों के पास वाहन सवारों को जागरूक करने के सिवाय कोई उपाय नहीं है।

अपर परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि ये सही है कि सड़क हादसे और मौतें बढ़ रही हैं। इसे रोकने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जाती है। लोगों को भी जागरूक होना होगा। अब स्कूलों के पाठ्यक्रम में रोड सेफ्टी शामिल किया जाएगा।

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