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चुनाव से पहले एक्शन में RJD, रितु जायसवाल समेत 27 बागियों को पार्टी से निकाला

नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राज्य का सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन जहां चुनाव प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं, वहीं दोनों गठबंधनों के भीतर बगावत की चिंगारी भी अब खुलकर सामने आने लगी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो विधायकों, पांच पूर्व विधायकों, विधान परिषद के पूर्व सदस्यों समेत कुल 27 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। जिन दो विधायकों को निष्कासित किया गया है उनमें छोटे लाल राय और मोहम्मद कामरान शामिल हैं।

पार्टी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इन नेताओं पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करने या फिर निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में उतरने का आरोप था। राजद ने कहा कि उनका (निष्कासित किये गये नेताओं का) यह आचरण संगठन की साख को नुकसान पहुंचाने वाला है इसलिए अनुशासन समिति की सिफारिश पर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया गया है। निष्कासित किए गए नेताओं में सबसे बड़ा नाम परसा से मौजूदा विधायक छोटे लाल राय का है, जिन्हें राजद का पुराना और प्रभावशाली चेहरा माना जाता है।

छोटे लाल राय के अलावा कटिहार के पूर्व विधायक राम प्रकाश महतो, मुजफ्फरपुर के पूर्व विधायक अनिल सहनी, बड़हरा के पूर्व विधायक सरोज यादव, मुजफ्फरपुर से विधान परिषद के पूर्व सदस्य गणेश भारती और परिहार की पूर्व मुखिया रितू जायसवाल भी सूची में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, टिकट न मिलने से नाराज कई नेताओं ने निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने या विरोधी दलों के उम्मीदवारों का समर्थन करने का रास्ता अख्तियार कर लिया था, जिसके बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।

पार्टी की सूची में गोविंदपुर के विधायक मोहम्मद कामरान, नरपतगंज के पूर्व विधायक अनिल यादव, भागलपुर के अवनीश कुमार, चेरिया बरियारपुर के राम रखा महतो, शेरघाटी के भगत यादव, वैशाली के संजय राय, संदेश के मुकेश यादव, दरभंगा के कुमार गौरव और राजीव कुशवाहा समेत कई अन्य नाम शामिल हैं।

राजद द्वारा बयान के मुताबिक, इन सभी नेताओं की प्राथमिक सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है और भविष्य में किसी भी संगठनात्मक जिम्मेदारी या चुनावी भूमिका में उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने रविवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों और “दलों की विचारधारा की अवहेलना” के आरोप में पूर्व मंत्री सहित 11 नेताओं को निष्कासित किया था।

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