नई दिल्ली : जब पुराने जमाने में क्रीम और लोशन नहीं हुआ करते थे तो लोग अपनी त्वचा को मलाई और देसी घी जैसे नुस्खों से सॉफ्ट और हाइड्रेट रखते थे। हम समझ सकते हैं कि त्वचा पर घी लगाना आपके लिए संभव नहीं है। क्योंकि एक तो घी की स्मेल सभी को पसंद नहीं आती है और दूसरे हर जगह शुद्ध घी मिलता भी नहीं है।
स्किन पर मलाई को आप सीधे तौर पर अप्लाई कर सकते हैं। यदि आपको इसकी स्मेल अच्छी ना लगे या आप स्किन वाइटनिंग के लिए कुछ उपयोग करना चाहते हैं तो इसमें चंदन पाउडर मिक्स करके त्वचा पर लगा सकते हैं।
इससे आपकी त्वचा एकदम मुलायम बनेगी बिल्कुल किसी बच्चे जैसी सॉफ्ट-सॉफ्ट स्किन। दरअसल, मलाई दूध से तैयार होती है, इसलिए इसमें प्रोटीन और लैक्टिक एसिड की अच्छी मात्रा होती है। इसके साथ ही इसमें नैचरल चिकनाई दूध की तुलना में कही अधिक होती है। इसलिए यह त्वचा को मुलायम रखने का काम करती है।
मलाई आपकी त्वचा पर एक नैचरल हीलर की तरह काम करती है। यह आपकी त्वचा की कोशिकाओं को नमी देती है और उनमें नमी को बनाकर भी रखती है। इससे सर्दी के मौसम में आपकी त्वचा में रूखापन नहीं आता है। यानी आपकी त्वचा डेड सेल्स और स्किन इचिंग की समस्या से बची रहती है।
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप मलाई का उपयोग सिर्फ अपने चेहरे और गर्दन पर ही कर सकते हैं। बल्कि आप पूरे शरीर पर भी मलाई को एक लोशन की तरह लगा सकते हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें या गुलाबजल की कुछ बूंदें मिला सकते हैं।
यदि आपकी त्वचा पर बहुत अधिक रूखापन है तो आप मलाई में कुछ बूंद गुलाबजल मिलाएं। यदि आपकी त्वचा पर छोटे महीन दानें या खुजली होने की समस्या है तो आप मलाई में नींबू के रस की कुछ बूंदे मिक्स कर लें। फिर इस मिक्सचर को त्वचा पर लगाएं और इसके कम से कम आधा घंटा बाद नहा लें। इससे आपकी त्वचा पर खुजली और दानों की समस्या दूर हो जाएगी।
मलाई लगाने के अलावा आप त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाने के लिए एक और पारंपरिक तरीका अपना सकते हैं। इसके लिए आप त्वचा पर सरसों तेल की मालिश करें। नहाने से कम से कम आधा घंटा पहले इस तेल को अच्छी तरह शरीर पर मल लें और इसके बाद गुनगुने पानी से नहा लें।
आमतौर पर गुनगुने पानी से नहाने से त्वचा में ड्राईनेस आ जाती है। लेकिन सरसों तेल लगाने के बाद नहाने से त्वचा में रूखापन नहीं आता है। सरसों का तेल ऐंटिबैक्टीरियल होता है। यह आपकी त्वचा को कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है। पुरान समय में सभी लोग इस विधि को अपनाते थे और उनकी त्वचा कांच की तरह चमकती रहती थी।