चारा घोटाला: 5वें केस में क्या आज होगी लालू यादव को ‘जेल’, लेकिन 3 साल से कम होने पर मिल सकती है ‘बेल’
नई दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार आज 950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले (Fodder Scam) के सबसे बड़े रांची के डोरंडा कोषागार से 139।35 करोड़ के गबन के मामले में CBI कि विशेष अदालत (CBI Court) राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD Chief Lalu Prasad Yadav) समेत 38 दोषियों को उनकी सजा सुनाएगी।
गौरतलब है कि अदालत ने बीते 15 फरवरी को इन सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। ख़बरों के अनुसार आज इसी बाबत विशेष CBI अदालत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन्हें सजा सुनायेगी। हालाँकि तीन साल से कम सजा होने पर लालू यादव को अदालत से ही आज ही जमानत भी मिल सकती है। इस मामले पर CBI के कुछ निकटतम सूत्रों के अनुसार, विशेष अदालत ने शनिवार को निर्देश दिया कि बीते 15 फरवरी को दोषी करार दिये गये 41 आरोपियों में से अदालत में पेश हुए 38 दोषियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उन्हें सजा सुनायी जायेगी। बता दें कि तीन अन्य दोषी बीते 15 फरवरी को अदालत में उपस्थित नहीं हो सके थे जिसके चलते अदालत ने तीनों के खिलाफ अब गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है।
CBI के अनुसार जिन 38 दोषियों को सजा सुनायी जानी है, उनमें से 35 तो फिलहाल बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में भर्ती हैं। इस मामले में CBI ने कुल 170 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ बीते 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किए गए थे। पता हो कि, चारा घोटाले के 4 विभिन्न मामलों में 14 वर्ष तक की सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव समेत 99 लोगों के खिलाफ अदालत ने सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद बीते 29 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आपको बता दें कि संयुक्त बिहार में चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद अचानक सबके सामने आया था। CBI ने जून 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव को भी तब एक आरोपी के रूप में नामित किया था। साथ ही एजेंसी ने लालू प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए थे।
इसके बाद सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया गया था और उन्हें रांची जेल भेज दिया था। पाठकों को ये भी बता दें कि रांची के रिम्स (RIMS) में भर्ती राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के अस्पताल वार्ड में दरबार लगाने की खबरों के सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद जेल प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपना लिया था और उनके दरबार पर तत्काल प्रभाव से रोक भी लगा दी गयी थी ।
दरअसल 15 फरवरी को चारा घोटाले में दोषी करार दिये जाने के बाद राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में इलाज के लिए भर्ती लालू प्रसाद यादव लगातार अपने वार्ड में जनता दरबार लगा रहे थे, जिसे देखते हुए उनसे मिलने वालों पर अब पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है।