गोरखपुर में ताल, तलैयों, नालों पर अवैध अतिक्रमण से बारिश में डूबा शहर
गोरखपुर। लगातार बारिश से शहर के निचले इलाके पूरी तरह डूब चुके हैं। हालत तो इतनी बदतर हो गई कि एनडीआरएफ को मुहल्लावासियों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन करना पड़ा।जिले में बाढ़ के साथ बारिश ने पूरी तरह तबाही मचा रखी है। नदियों के बढ़ते जलस्तर और बारिश ने शहर से लेकर देहात तक के इलाकों में लोगों को 1998 बाढ़ की त्रासदी याद दिला दी। हालत यह है कि शहर के नगर निगम क्षेत्र में पड़ने वाले घरों के लोगों के घर इस कदर पानी में डूब चुके हैं कि उन्हें एनडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। देर रात शाहपुर इलाके के बिछिया और शक्तिनगर वार्ड में करीब 10 घरों में फंसे के करीब 40 लोगों को रेस्क्यू किया गया।
इनके घर पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं। इन घरों के लोगों ने बीते 48 घंटों से घर की छतों पर शरण ले रखा था। देर रात स्थानीय पार्षद की पहल पर इन सभी को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। वहीं, शहर के 300 से अधिक मोहल्ले अभी भी पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं। इन इलाकों के 4 लाख से अधिक लोग पानी से घिरे होने की वजह से घरों में कैद हो गए हैं।वहीं, शहर में जल जमाव का आलम यह है कि शहर की पॉश कालोनियों में लोग इन दिनों मछली मारते देखे जा रहे हैं। शहर की जिन सड़कों पर कभी पूरे दिन गाड़िया फर्राटा भरती थी, आज उन सड़कों पर मछली पकड़ने के लिए जाल लगाया गया है। ऐसे में शनिवार 28 अगस्त को प्रस्तावित राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर प्रशासन की चिंता भी लगातार बढ़ती ही जा रही है।इतना ही नहीं, शहर का मरीन ड्राइव कहा जाने वाला रामगढ़ताल का पानी शहर में घुसने को बेताब है।
रामगढ़ताल के आसपास के इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। अब यहां का पानी उल्टी धारा में बहने को तैयार है। ऐसे में अगर थोड़ी भी बारिश हुई तो रामगढ़ताल के पानी शहर डूबने के खतरे को कतई इंकार नहीं किया जा सकता है।शहर के 300 से अधिक मोहल्ले अभी भी पानी में पूरी तरह से डूबे हुए हैं। इन इलाकों में पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। शहर के नीचले इलाकों के कॉलोनियों में जहां नाव चल रही है, वहीं, अन्य इलाके भी पूरी तरह से डूबे हुए हैं। यहां के लोग घरों में पूरी तरह से कैद हो गए हैं। जबकि देहात इलाकों में अब तक चार नदियों के बढ़ते जलस्तर से अब तक यहां 135 गांव या मैरूंड हो चुके हैं या फिर बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं।
इन गांवों में अब तक 167 नाव लगाई गई है। जिला प्रशासन के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में बाढ़ से अब तक 1,52,250 लोग प्रभावित हुए हैं। जबकि 65,000 हेक्टेयर भूमि बाढ़ में पूरी तरह से डूब चुकी है।वहीं, अब बारिश की वजह से कई कमजोर मकान गिरने लगे हैं। शुक्रवार की सुबह पिपराइच इलाके के ग्राम सभा लखेसरा में एक घर की दीवार गिर गई। जिसमें एक 25 वर्षीय महिला निधि गिरी पत्नी सुरेंद्र की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक 15 वर्षीय बच्ची गंभीर रूप से घायल है। घायल बच्ची को इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। ऐसे में जिला प्रशासन अब ऐसे इलाकों में लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर चुका है। अब तक 10 घरों के 40 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।